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बिजली संकट को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठेंगे विधायक सुखराम
सीएम को भी लिख चुके हैं पत्र
झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में आने वाला चक्रधरपुर विधानसभा के लोग बिजली संकट से काफी परेशान हैं। ऐसे में जब ये बात वहां के विधायक सुखराम उरांव को पता चली तो उन्होंने अपनी ही सरकार मोर्चा खोलने का मन बना लिया हैं।
आपको बता दें कि विधायक सुखराम उरांव बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाह कार्य प्रणाली, झूठे मुकदमेबाजी और अनियमित बिजली आपूर्ति के कारण काफी नाराज है।
तो वहीं गांवों में तो लोग उमस भरी गर्मी से राहत पाने के लिए पेड़ो के नीचे समय गुजार रहे हैं। ऐसे में इन सब समस्याओं को देखने के बाद विधायक सुखराम ने 20 जुलाई से राज्य सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल करने का ऐलान किया हैं।
उनकी ये हड़ताल सरकार के खिलाफ हो सकती है इस बात की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने ये फैसला लिया है। इधर, एक तो वे सत्तारूढ़ पार्टी झामुमो के विधायक हैं, साथ ही बिजली विभाग का मंत्रालय खुद सीएम के हाथों में ही है। ऐसे में ये बवाल काफी बड़ा बनने वाला है।
आपको बता दें कि बिजली संकट के लेकर सुखराम उरांव ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र भी लिखा था। उन्होंने सीएम को बिजली संकट के संबंध में 17 जुलाई को भी पत्र लिखा है। इससे पहले भी कई बार लिखा गया है। क्षेत्र की बिजली समस्याओं के अलावा कार्यपालक अभियंता और कनीय अभियंता की नियुक्ति को भी पदस्थापित करने की मांग की थी।
इस पत्र के मुताबिक चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है। चक्रधरपुर प्रखंड एवं बंदगांव ब्लॉक के 6 पंचायतों में यह समस्या ज्यादा है। मात्र 2 से 3 घंटे ही बिजली उपलब्ध हो रही है। ग्रामीणों को घंटों अंधेरे में समय गुजारना पड़ रहा है। बिजली कब आयेगी, इसकी ऑफिशियल सूचना बिजली विभाग उन्हें भी नहीं देता।
वहीं बिजली विभाग के मुताबिक चक्रधरपुर को 6 से 8 मेगावाट ही बिजली आपूर्ति की जा रही है। इस कारण शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को समुचित तरीके से बिजली नहीं मिलती है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। कायदे से चक्रधरपुर को 15 मेगावाट की आपूर्ति होनी चाहिये।
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