
ममता बनर्जी के हमलों का केंद्र ने दिया जवाब, क्यों है तकरार ?
पश्चिम बंगाल कि सरकार और केंद्र सरकार के बीच तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है पश्चिम बंगाल में हुए चुनाव के बाद सही दोनों सरकारों में गर्माहट देखने को मिल रही है आपकी जानकारी के लिए बता दें की हाल ही में साइक्लो yaas के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक को लेकर काफी राजनीतिक तनाव देखने को मिला दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो बैठक बुलाई थी उसमें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके तबके के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय काफी देरी से पहुंचे थे और उसके बाद भी प्रधानमंत्री को इंतजार कराने के बाद वह वहां से वापस चले गए हालांकि ममता बनर्जी ने इस बात को कहां की वह इजाजत लेकर वहां से वापस गई थी।

वहीं दूसरी तरफ ममता बनर्जी द्वारा सेक्रेटरी अल्पना बंदोपाध्याय को मुख्य सलाहकार बनाने के बाद से और राजनीतिक उठापटक देखने को मिलने लगी थी क्योंकि उन्हें केंद्र अटैच करने का आदेश दिया था लेकिन वह ना पहुंचे और उसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें अपना मुख्य सलाहकार बना लिया इसके बाद से ही केंद्र सरकार द्वारा उन पर कार्यवाही की जाने की बातें सामने आ रही थी। इसके बाद से ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा इस मामले में बयान दिए जा रहे थे लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा भी ममता बनर्जी के इन बयानों का जवाब दिया गया है।
केंद्र सरकार ने ममता बनर्जी के सवालों के जवाब फैक्ट के साथ देते हुए 9 बयानों पर जवाब दिए गए हैं यह सभी जवाब केंद्र सरकार के सूत्रों के हवाले से दिए गए हैं एक चैनल द्वारा वेबसाइट पर यह सभी जवाब प्रकाशित किए गए हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर क्या है केंद्र द्वारा दिए गए वैसे भी जवाब जो ममता बनर्जी के बयानों पर जारी किए गए हैं।
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• मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बयान दिया गया था कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और मीटिंग के बारे में देरी सही जानकारी दी गई थी उन्होंने कहा था कि मैंने अपना शेड्यूल प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की वजह से छोटा कर लिया वही इस पर केंद्र सरकार ने फैक्ट बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा साइक्लोन व्यास के डैमेज को लेकर थी ऐसे में तूफान से पहले इसे पिक्स नहीं किया जा सकता था साइक्लोन अम्फान के समय भी यही टाइमिंग फॉलो की गई थी वहीं सरकार द्वारा कहा गया कि ओडिशा बंगाल को एक साथ जानकारी दी गई ओडिशा में काफी अच्छी तरह से तैयारी की जबकि वहां का दौरा पहले हुआ था।
• मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा यह भी बयान दिया गया था कि मैंने प्रधानमंत्री के लिए इंतजार किया वहीं केंद्र सरकार द्वारा इस बयान पर कहा गया कि पीएम कलाइकुंडा में 1:59 बजे लैंड किए थे जबकि ममता बनर्जी दोपहर 2:10 वहां पर लैंड की थी यह साफ होता है कि प्रधानमंत्री को ही इंतजार करना पड़ा था यह टीएमसी के सांसद ने ट्वीट में साफ किया है उन्होंने कहा कि जिन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री का इंतजार करना कोई बड़ी बात नहीं है लैंडिंग के बाद सिर्फ 25 मिनट में वह प्रधानमंत्री से मिली मीटिंग में रही और वापस चली गई।
• मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा तीसरा बड़ा बयान यह कहा गया था कि मेरे कार्यक्रम से पहले से तय थे यह जरूरी नहीं है कि हर बार सीएम ही प्रधानमंत्री को रिसीव करें उसके अपने भी कार्यक्रम होते हैं इसका जवाब केंद्र के सूत्र द्वारा देते हुए कहा गया कि ममता बनर्जी ने मीटिंग में शामिल होने की बात की थी लेकिन विपक्षी नेता के शामिल होने पर वह मुकर गई। इस बात से यह बात साबित होती है कि पहले से तय कार्यक्रम कोई मुख्य कारण नहीं है।
• अपने एक अन्य बयान में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा किस आधार से उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हेलीकॉप्टर लैंड करने से पहले 20 मिनट इंतजार करना पड़ा इसके जवाब में केंद्र द्वारा कहा गया कि उनसे उम्मीद की जाती है कि वह पहले ही वहां मौजूद रहे प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले सभी ऐसा ही करते हैं प्रधानमंत्री की सुरक्षा एसपीजी के हाथ में है जो एक प्रोफेशनल बॉडी है।
• ममता बनर्जी ने चीफ सेक्रेटरी को लेकर कहा था कि जारी आदेश से वह चकित है इसमें राज्य सरकार की कोई सलाह नहीं ली गई यह संविधान का उल्लंघन है। इस पर केंद्र ने फेंक देते हुए कहा कि आदेश बिल्कुल सही है चीफ सेक्रेटरी ऑल इंडिया के डर के ऑफिसर है उन्होंने अपनी संवैधानिक ड्यूटी का पालन नहीं किया है ऐसे में प्रधानमंत्री को कोई प्रेजेंटेशन नहीं की गई और ना ही बंगाल सरकार का कोई व्यक्ति मीटिंग में रहा चीफ सेक्रेटरी का रिटायरमेंट बताया है कि ममता बनर्जी बैकफुट पर है।
• मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चीफ सेक्रेटरी के कार्यकाल को लेकर एक बयान में कहा था कि कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने चीफ सेक्रेटरी का कार्यकाल बढ़ाया दोनों पक्षों की रजामंदी के बाद भी फैसला लिया गया वहीं केंद्र का कहना है कि सरकार ने राज्य सरकार के हाथ मिलाकर यह फैसला लिया था।
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इस बात से यह बात जाहिर होती है कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच इस बैठक को लेकर तकरार अभी भी जारी है केंद्र सरकार ने अलपन बंधोपाध्याय को दिल्ली तलब किया था लेकिन ममता ने उन्हें नहीं राजधानी में जाने नहीं दिया अब अलपन बंदोपाध्याय बंगाल सरकार में ममता बनर्जी के एडवाइजर बन गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार अल्पन पर एक्शन लेने के लिए तैयारी में है!