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अभी खरीदों बाद में करो भुगतान ऑस्ट्रेलिया का स्टार्टअप “आफ्टर पे” 2 हजार 15 करोड़ में बिका

अभी खरीदो जब मर्जी तब भुगतान करो सुनने में तो कोई चालबाजी या धोखाधड़ी वाला सौदा लगता है, लेकिन इसको मुमकिन करने वाली ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ‛आफ्टर पे’ अभी खरीदो और बाद में भुगतान करो की सुविधा देती है।

जिसकी सुविधा के चलते इस स्टार्टअप कम्पनी ने तेजी से अपना नाम कई बड़ी कंपनियों के नाम के साथ खड़ा कर लिया। मिल रही सुविधा का लाभ उठाने के लिए लोग तेजी से इसके साथ जुड़ने लगे और इसका इस्तेमाल भी करने लगे।

इस स्टार्टअप की खास बात यह है कि इस कंपनी ने महज 7 सालों में ही अपने स्टार्टअप की कीमत 29 बिलियन डॉलर करीब 2 लाख 15 हजार करोड़ कर ली और इतनी ही कीमत में यह स्टार्टअप कम्पनी को हालही में टि्वटर के सीईओ जैक डॉर्सी की कम्पनी स्क्वायर ने खरीदा है। कहा जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया में इतना बड़ा सौदा आज तक नही देखा गया है।

उपभोक्ताओं की छोटी से छोटी खरीदारी को भी नियमित किस्तों में करने की सुविधा देता है। यह क्रेडिट कार्ड के जैसे इस्तेमाल होता है। लेकिन इसमें जुड़ने वालों को न ही कोई शुल्क देने की जरूरत है और न ही कोई ब्याज चुकाना पड़ता है। खर्च की सीमा को कम ही रखा जाता है यदि कोई समय पर भुगतान नहीं करता है तो उन्हें देरी का शुल्क जमा करना पड़ता है।

आफ्टर पे की स्थापना 2014 में ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले ऐंथनी आइसेन और निक मोलनार ने की थी।

ज्वैलरी बेचते थे बन गए आफ्टर पे के संस्थापक

ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले मोलनार आफ्टर पे शुरू करने से पहले इंटरनेट पर ज्वैलरी बेचते थे। उनके पड़ोसी आइसेन फाइनेंस का काम करते थे। दोनों ने जब हाथ मिलाया तो मोलनार के घर में ही ‘आफ्टर पे’ का जन्म हुआ। इसे बनाने के पीछे दोनों का उद्देश्य कैशलेस जीवनशैली अपना रहे लोगों को आकर्षित करना था।

आमतौर पर लोग सामान खरीदने के तुरंत बाद भुगतान करते हैं। लेकिन ऑस्ट्रेलिया का स्टार्टअप ‘आफ्टर पे’ ‘अभी खरीदो और भुगतान बाद में करो’ की सुविधा देता है। इसी खासियत के चलते यह इतना मशहूर हुआ कि करोड़ों लोग इसका इस्तेमाल करने लगे। खास बात यह है कि 7 साल पहले शुरू हुआ स्टार्टअप अब 29 बिलियन डॉलर (करीब 2 लाख 15 हजार करोड़) रुपए में बिक गया है।

इसे ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी की कंपनी ‘स्क्वायर’ ने खरीदा है। कहा जा रहा है कि ‘आफ्टर पे’ को खरीदने का यह सौदा इतना बड़ा है, जितना बड़ा ऑस्ट्रेलिया में आज तक नहीं देखा गया।

यह स्टार्टअप उपभोक्ताओं को छोटी-छोटी खरीदारी भी नियमित किश्तों में करने की सुविधा देता है। यह क्रेडिट कार्ड के जैसा होता है। लेकिन इसमें किश्तों में भुगतान करने के लिए न कोई ब्याज चुकाना पड़ता है और न जुड़ने का शुल्क। खर्च की सीमा को कम ही रखा जाता है। हालांकि जो निर्धारित भुगतान नहीं करते हैं, उन्हें देरी करने का शुल्क जमा करना पड़ता है। आफ्टर पे की स्थापना 2014 में ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले ऐंथनी आइसेन और निक मोलनार ने की थी।

आफ्टर पे शुरू करने से पहले ज्वैलरी बेचते थे मोलनार
मोलनार आफ्टर पे शुरू करने से पहले इंटरनेट पर ज्वैलरी बेचते थे। उनके पड़ोसी आइसेन फाइनेंस का काम करते थे। दोनों ने जब हाथ मिलाया तो मोलनार के घर में ही ‘आफ्टर पे’ का जन्म हुआ। इसे बनाने के पीछे दोनों का उद्देश्य कैशलेस जीवनशैली अपना रहे लोगों को आकर्षित करना था।

युवाओं में लोकप्रिय: 6 देशों में 1.6 यूजर्स, 1 लाख विक्रेता
ऑफ्टर पे युवाओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुआ। ऑस्ट्रेलिया के अलावा अब यह अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस और इटली में भी मौजूद है। दुनिया में इसके 1.6 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता हैं और करीब एक लाख विक्रेता इसका इस्तेमाल करते हैं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, कंपनी उपभोक्ताओं से खरीदे गए सामान का 25% वसूलती है। लेकिन इसमें प्रति आर्डर 68 डॉलर (3723) की सीमा है। कंपनी की अधिकतर कमाई विक्रेताओं से लेनदेन शुल्क लेकर होती है।

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