
सचिवालय ने मंत्रियों के स्टाफ को एक बार फिर जारी किया रिमाइंडर नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला
कैबिनेट सचिवालय मंत्रियों के स्टाफ की ओर से चाय-कॉफी और पेय पदार्थ का रिकॉर्ड मामले में ढीला रवैया अपनाने के बाद एक बार फिर रिमाइंडर किया जारी।
जयपुर। राजस्थान के सचिवालय में मंत्रियों को अपने ऑफिस में आने वाली चाय-कॉफी और पेय पदार्थ का रिकॉर्ड न देने का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है। कैबिनेट सचिवालय ने मंत्रियों के स्टाफ को रिमाइंडर जारी करके यह दस्तावेज भेजने का निर्देश दिया हैं। बता दें, इससे पहले यह मामले वसुंधरा सरकार में भी गरमाया था।
कैबिनेट सचिवालय कि तरफ से बार बार रिमाइंडर जारी करने के बाद भी मंत्रियों के ऑफिस की ओर से बैठकों के दौरान चाय- कॉफी और अन्य पेय पदार्थों के मांग पत्र बिल का कैबिनेट सचिवालय को कोई भी रिकॉर्ड नहीं दिया जा रहा है। जिसके चलते कैबिनेट सचिवालय को बिलों के भुगतान में कठिनाई पैदा हो रही है।
कैबिनेट सचिवालय की ओर से जारी रिमाइंडर में कहा गया है कि मार्च 2020 से नवंबर 2020 तक उनकी ऑफिसों की बैठकों के एजेंडे सहित चाय-कॉफी और अन्य पदार्थों से जुड़े दस्तावेज या रजिस्टर की सत्यापित प्रति उपलब्ध करवाई जाए, ताकि इन दस्तावेजों का सत्यापन करके जल्द बिल का भुगतान किया जा सके।
बता दें, सचिवालय कर्मचारी संघ की इस कैंटीन का फरवरी 2020 तक के बिल का भुगतान कर चुकी है। मगर मंत्रियों की तरफ से इस मामले में ढीला रवैया अपनाने के बाद एक बार फिर रिमाइंडर जारी किया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले जब ये बवाल हुआ था तब एजी की ओर से आपत्ति करते हुए ऑडिट पैरा बनाया गया था। इस ऑडिट पैरा के तहत बिलों के सत्यापन के लिए यह तरीका अपनाया जा रहा है। वहीँ, फरवरी 2020 तक के बिल बिना वित्त विभाग की अनुमति से भुगतान करने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
आपको बता दें कि पिछली वसुंधरा सरकार के समय सचिवालय स्थित केंटीन संचालकों को भुगतान को लेकर काफी गरमा गर्मी का माहौल हो गया था। जिसके बाद इस पूरे ममले में तत्कालीन मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को हस्तछेप करना पड़ा था। तब जाकर केंटीन संचालकों को भुगतान हो पाया था।
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