India Rise Special

बिहार : चाचा भतीजा में जंग जारी, लोजपा को पाने में पारस एक कदम और बढ़े आगे

चिराग का लौ हो रहा शांत

बिहार की राजनीति में इन दिनों सिर्फ चाचा-भतीजा ही चल रहे हैं। बात चाहे तेजस्वी-नीतीश की हो या चिराग-पारस की। सभी युवा नेता ने अपने चाचा के नाक में दम करके रखा हैं। लेकिन एक बड़ा सच ये भी है कि जब-जब चाचा और भतीजे की खींचतान हुई है जीत हमेशा चाचा की ही होती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है जहां चिराग पासवान को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगाने का बाद ये लगभग तय हो गया है कि लोजपा पार्टी अब पारस के खाते में ही रहेगी।

दरअसल चिराग पासवान की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। कोर्ट ने चिराग की पेटिशन में मेरिट नहीं होने के कारण याचिका खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका डाली थी। तो वहीं इस संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि चिराग पासवान की याचिका में कोई आधार नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मामला लोकसभा स्पीकर के पास पेडिंग है। लिहाजा आदेश देने की कोई जरूरत नहीं है।

बता दें कि, चिराग पासवान लगातार ये कह रहे थे कि पार्टी से निकले जाने के कारण पशुपति पारस एलजेपी के सदस्‍य नहीं हैं। चिराग ने लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिड़ला के उस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उनके चाचा केंद्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण मंत्री पशुपति कुमार पारस के गुट को मान्‍यता दी है।

उधर इस मामले पर लोकसभा स्पीकर के वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने इस मामले में स्पीकर से बात की है।लोकसभा अध्यक्ष के वकील ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई का कोई आधार नहीं है। उनकी तरफ से जानकारी दी गई है कि इस प्रकरण को वो देख रहे हैं। वकील ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला भी दिया। वकील की बात सुनकर हाईकोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में अभी कोई आदेश नहीं दे सकते क्योंकि स्पीकर इस मामले को देख रहे हैं।

पशुपति पारस की तरफ से पेश वकील ने कहा कि जो लेटर पारस ने लोकसभा अध्यक्ष को दिया था, उस समय पशुपति पारस पार्टी के चीफ व्हिप थे और बाद में पार्टी के लीडर चुने गए थे। कोर्ट ने कहा कि आपको चुनाव आयोग जाना चाहिए। यहां नहीं आना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि ये याचिका यहां पर मेंटिनेबल नहीं है।

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: