Madhya Pradesh

बड़ी खबर: मुख्यमंत्री ने मंच से किया अधिकारियों को निलम्बित, हाईकोर्ट ने लगा दी रोक

याचिकाकर्ता छिंदवाड़ा के प्रभारी सीएमएचओ डा जीसी चौरसिया की ओर से अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने पत्रकार उन्होंने बताया कि स्थानीय नेताओं ने

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जिले छिंदवाड़ा के तत्कालीन प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी वह सीधी के जिला शिक्षा अधिकारी के निलंबन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। दोनों अधिकारियों के निलंबन पर रोक लगने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बड़ा झटका लगा। बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनसेवा अभियान कार्यक्रम के दौरान मंच से ही दोनों अधिकारियों को निलंबन का आदेश दिया था। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों ही याचिका पर जस्टिस नरिता दुबे की एकल पीठ ने निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य शासन व अन्य को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए ।

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता छिंदवाड़ा के प्रभारी सीएमएचओ डा जीसी चौरसिया की ओर से अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने पत्रकार उन्होंने बताया कि स्थानीय नेताओं ने राजनीतिक फायदा उठाने के लिए 22 सितंबर 2022 को आमसभा के दौरान मुख्यमंत्री से शिकायत की थी और उन्होंने हटाने का आदेश दे दिया। और उन्होंने अगले दिन पद से हटाकर जिला अस्पताल पदस्थ कर दिया। उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी कोर्ट ने उनकी वरिष्ठता को देखते हुए सरकार के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। वही मुख्यमंत्री जब दूसरी बात छिंदवाड़ा है तो उन्होंने निलंबन का आदेश दिया था।

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पहले से थी निलंबन की तैयारी

वही याचिकाकर्ता सीबीआई को पवन कुमार की ओर से अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार शुक्ला ने पक्ष रखकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से निलंबन का आदेश दिया था जिसके बाद निलंबन आदेश जारी कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार पवन कुमार की शिकायत मिली थी जिसके चलते उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। सीटीडीआई को निलंबन करने के बाद उन्हें दिवस अटैच कर दिया गया याचिकाकर्ता का आरोप है कि उसे राजनीतिक कारण के दोष बनास निगम मन किया गया आरोप है कि याचिकाकर्ता को निलंबन करने की तैयारी पहले से कर रखी गई थी यही वजह कि जिस दिन सीएम का कार्यक्रम था उस दिन कलेक्टर का प्रतिवेदन आया और उसी दिन संभागायुक्त ने आदेश जारी कर दिया था।

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