आजमगढ़ : बांदा जेल में बंद मऊ सदर से विधायक और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को जमानत मिल गई है। उन्हें गैंगस्टर एक्ट के मामले में मऊ की एमपी- एमएलए कोर्ट ने एक लाख के मुचलके पर जमानत दी है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि अगर उनके ऊपर कोई मुकदमा नहीं है तो उन्हें तुरंत जेल से रिहा किया जाए। इससे पहले दो फरवरी को उन्हें गाजीपुर की एडीजे फर्स्ट कोर्ट से गैंगस्टर मामले में जमानत मिली थी।
गौरतलब है कि 2011 में मऊ के दक्षिण टोला के एक मामले में उनपर गैंगस्टर एक्ट का मामला दर्ज हुआ था। मुख्तार अंसारी के वकील ने बताया था, सीआरपीसी की धारा 436 ए के तहत गाजीपुर की जिला व सत्र न्यायालय की एडीजे फर्स्ट कोर्ट में अर्जी डाली गई थी, जिसमें हाईकोर्ट का एक डायरेक्शन भी लगाया गया था। अर्जी में मुख्तार की तरफ से कहा कि गैंगस्टर एक्ट में अधिकतम सजा 10 साल की होती है, जबकि उसे जेल में बंद हुए 12 साल से अधिक समय हो गया है।
अभी 12 मुकदमे है दर्ज, रिहाई संभव नहीं
मुख़्तार अंसारी के खिलाफ योगी सरकार में ही 12 मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिसके चलते अभी भी उन पर 15 मामले दर्ज है। जिस कारण से उनका जेल से बाहर आना अभी संभव नहीं दिख रहा है। यूपी के पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अभी उन्हें नहीं लगता है कि वे बाहर आ सकते हैं, क्योंकि उन्हें एक ही मामले में जमानत मिली है। अभी अन्य मुकदमे भी हैं।
इस मामले में मिली जमानत
मऊ जिले के एमपी-एमएलए कोर्ट ने 2011 में थाना दक्षिण टोला के अंतर्गत आरटीओ ऑफिस में एक गवाह और उसके सरकारी गनर के हत्या के मामले में मुख़्तार अंसारी के ऊपर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें लगभग 10 वर्ष की सजा होती है। तब से लेकर अब तक मुख्तार अंसारी जेल में बंद है, लिहाजा उन्होंने सजा से ज्यादा समय जेल में बंद रहने की वजह से गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में जमानत मिली है।