वंदना मिश्रा मामला:कानपुर पुलिस कमिश्नर के खिलाफ सीएमएम कोर्ट में परिवाद दर्ज
यूपी के कानपुर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नगर आगमन पर रोके गए ट्रैफिक के चलते लगे जाम में फंसकर गंभीर रूप से बीमार IIA महिला विंग की अध्यक्ष वंदना मिश्रा की मौत के मामले में विधि छात्र जितेंद्र शुक्ला ने CMM कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया है।
इसमें पुलिस कमिश्नर, DCP ट्रैफिक, गोविंदनगर ACP, एसओ, ड्यूटी पर तैनात टीएसआई और अन्य पुलिसकर्मियों को तलब कर दंडित करने की मांग की गई है। मामले की सुनवाई 23 जुलाई को होगी। विधि छात्र के अधिवक्ता प्रत्यूष मणि मिश्रा की ओर से दाखिल परिवाद में कहा गया है कि किदवईनगर के ब्लॉक निवासी महिला उद्यमी वंदना मिश्रा को डेढ़ माह पहले कोरोना हुआ था।
25 जून को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। परिवारीजन उन्हें रीजेंसी अस्पताल ले जा रहे थे, जब वह गोविंदनगर पहुंचे तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का काफिला गुजरने की बात कहते हुए ट्रैफिक नए पुल पर चढ़ने से रोक दिया गया।
महिला उद्यमी के पति शरद मिश्रा ने पुलिसकर्मियों से मिन्नतें कीं कि अगर समय से अस्पताल पहुंच जाएंगे तो वंदना की जान बच जाएगी, लेकिन किसी को दया नहीं आई। पुलिस की उदासीनता और लापरवाही के चलते अस्पताल पहुंचते-पहुंचते वंदना की मौत हो गई।
अगले दिन पुलिस कमिश्नर ने इसे सिस्टम की नाकामी माना और घटना से सबक लेने की बात कहते हुए माफी भी मांगी। जांच के बाद SI सुशील कुमार और तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। जितेंद्र ने तर्क रखा कि किसी की लापरवाही से व्यक्ति की मौत पर माफी मांग लेने से अपराध कम नहीं हो जाता। यह गंभीर अपराध है। इसके लिए आरोपियों को तलब कर दंडित किया जाना चाहिए।