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हवाई अड्डे पर केंद्र ने सिख यात्रियों और कर्मचारियों को कृपाण ले जाने की दी अनुमति

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सिख यात्रियों और कर्मचारियों को हवाई अड्डों पर कृपाण ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। एक संशोधित आदेश में, MoCA  ने अपने पहले के आदेश में उल्लिखित खंड को हटा दिया है, जिसमें कहा गया था कि किसी भी घरेलू या अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल पर किसी भी कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से कृपाण ले जाने की अनुमति नहीं है।

 

भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी और लिखा, “@MoCA_GoI  के हालिया आदेश में सिख कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान हवाई अड्डे पर कृपाण ले जाने से रोक दिया गया था। वहीं अब आदेश में से आपत्तिजनक प्रतिबंध हटा दिया है। कर्मचारी (और यात्री) भारतीय हवाई अड्डों पर कृपाण ले जा सकते हैं। त्वरित कार्रवाई के लिए @PMOIndia और @JM_Scindia जी को धन्यवाद।

 

नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “एक सिख यात्री कृपाण ले जा सकता है, बशर्ते ब्लेड की लंबाई 15.24 सेमी (6 इंच) से अधिक न हो और कृपाण की कुल लंबाई 22.86 सेमी (9 इंच) से अधिक न हो। भारत के भीतर भारतीय विमानों में यात्रा करते समय इसकी अनुमति केवल घरेलू टर्मिनलों से है”

 

इससे पहले केंद्र सरकार ने दिशानिर्देशों का एक और सेट जारी किया था। जिसमें उल्लेख किया गया था कि “हवाई अड्डे पर (सिख सहित) और किसी भी टर्मिनल, घरेलू या अंतरराष्ट्रीय में काम करने वाले किसी भी स्टेक होल्डर या उसके कर्मचारी को कृपाण ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

 

पिछले हफ्ते अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कृपाण पहने एक सिख कर्मचारी को ड्यूटी करने से रोकने के बाद आदेश में संशोधन किया गया है। घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने आपत्ति जताई और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को आदेश को रद्द करने के लिए एक पत्र लिखा।

 

पत्र में उन्होंने कहा था, ”अपने ही देश में यह भेदभाव सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता पर बड़ा हमला है, जिसे कभी भी लागू नहीं होने दिया जाएगा। केंद्र को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि सिख सबसे आगे रहे हैं।” इस देश की आजादी के लिए बलिदान देने में और अगर देश की संस्कृति आज भी जीवित है, तो यह सिखों की वजह से है।”

 

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