
यूपी : रायबरेली के सलोन से विधायक रहे शिवबालक का हुआ निधन
पूर्व मंत्री एवं पूर्व सलोन विधायक शिवबालक पासी (81) का शनिवार रात निधन हो गया। अमेठी जिले के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वह पेट की बीमारी से पीड़ित थे। उनके निधन की खबर से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। वह गांधी परिवार के करीबी थे। उनकी गिनती राजनीतिक योद्धा के रूप में होती थी। प्रधानी से लेकर मंत्री तक का सफर उन्होंने तय किया। अपने अलग अंदाज के लिए भी वह जाने जाते थे। रविवार को गांव में ही पूर्व विधायक का अंतिम संस्कार हुुआ। बड़े बेटे राज बहादुर ने उन्हें मुखाग्नि दी।

डीह ब्लॉक क्षेत्र के थौरी गांव निवासी व पूर्व कांग्रेस विधायक शिवबालक पासी 1972 में गांव के प्रधान चुने गए। वर्ष 1980 तक गांव के प्रधान रहे। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और राजनीति के शिखर पर पहुंचते गए। 1980 में पहली बार कांग्रेस पार्टी से सलोन विधानसभा सीट से विधायक बने। 1985 में फिर जीते। 1989 में तीसरी बार विधायक बनकर सभी को चौंका दिया। 1991 में चौथी बार और 2007 में पांचवीं बार विधायक बने। 1980 में कांग्रेस की सरकार बनने पर शिवबालक पासी को समाज कल्याण राज्य मंत्री भी बनाया गया था। कुछ दिन बाद वर्ष 1985 में कृषि राज्य मंत्री भी बनाया गया था।
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पूर्व मंत्री शिवबालक पासी पासी समाज के मुखिया के रूप में भी जाने जाते थे। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एवं सांसद सोनिया गांधी, प्रियंका वाड्रा एवं राहुल गांधी के काफी करीबी थे। जब भी गांधी परिवार के किसी सदस्य का अमेठी या रायबरेली आना होता था तो शिवबालक पासी ही उन्हें रिसीव करते थे। पूर्व विधायक ही क्षेत्र की समस्याओं से उन्हें अवगत कराते थे। उनके निधन की खबर से कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं सहित क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। सभी उनके आवास थौरी गांव पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित किया। गांव में ही पत्नी की समाधि के पास अंतिम संस्कार किया गया। उनके बड़े बेटे राजबहादुर ने चिता को मुखाग्नि दी। अमेठी जिले के कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल, ब्लाक अध्यक्ष शिवदर्शन पासी, एसपी सिंह, राजीव त्रिपाठी, पूर्व प्रधान संघ अध्यक्ष रंजीत सिंह, यदुवेंद्र तिवारी, टीएन तिवारी ने पूर्व विधायक को श्रद्धांजलि अर्पित किया।
पूर्व विधायक ने पहले ही बनवा दी थी अपनी समाधि
पूर्व विधायक शिवबालक पासी ने अपने निधन के पहले ही दो समाधि बनवा दी थी। इसमें एक समाधि गांव के पास और दूसरी रहीमगंज चौराहे के पास बनवाई थी। उन्होंने अपने बड़े बेटे राजबहादुर से कहां था कि मेरी चिता जलाने के बाद राख दोनों समाधियों में रखवा देना। यह बात याद करके रविवार को उनके बेटे व अन्य परिवारीजन अपने आंसू नहीं रोक पाए।
तुम सब नाराज होई जात हौ
शिवबालक पासी अपने कार्यकाल में घर से देर से निकलने के लिए जाने जाते थे, जिससे कारण कभी-कभी कार्यकर्ता उनसे नाराज होकर बिना मिले ही लौट जाते थे। पार्टी कार्यकर्ता शिवप्रताप व राजीव त्रिपाठी बताते हैं कि जब उनके समय से न मिलने पर कार्यकर्ता नाराजगी जताते थे तो हंसी-ठिठोली भरे अंदाज में विधायक कहते थे अरे यार सवेरे व्यायाम और नहाय खाय मा देर होई जात है और तुम सब नाराज होई जात हौ। अगर तुम सब नाराज होइयो तो मजा न आई। उनकी ये बातें सुनकर लोग हंस पड़ते थे।
संगीत पार्टी लेकर पहुंचते थे पूर्व एमएलए
लोकसभा चुनाव में राजीव से लेकर राहुल गांधी, सोनिया गांधी के नामांकन वाले दिन पूर्व विधायक अपने कार्यकर्ताओं के साथ ही अपनी बिरादरी की संगीत पार्टी लेकर पहुंचते थे। उनकी संगीत पार्टी को गांधी परिवार के लोग पसंद करते थे।
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पत्नी, तीन बेटों की पहले ही हो चुकी है मौत
पूर्व विधायक राजनीति के शिखर पर पहुंचे, लेकिन वह अपनों की मौत से गमगीन भी रहे। 1940 में जन्में पूर्व विधायक ने इंटर तक शिक्षा हासिल की थी। उनकी पत्नी रामरती का वर्ष 1992 में पहले ही निधन हो चुका है। साथ ही चार बेटों में विजय कुमार, आनंद कुमार, शिव प्रकाश की भी मौत हो चुकी है, अब बड़े बेटे राज बहादुर पर परिवार संभालने की जिम्मेदारी आ गई है। दो बेटी विद्यावती, सुशीला हैं, जिनकी शादी हो चुकी है।
एक माह में राजनीति के चार धुरंधरों की मौत से लोग हैरान
सलोन विधानसभा क्षेत्र के लोग गमगीन हैं। यहां एक माह के भीतर राजनीति के चार धुरंधरों ने दुनिया से अलविदा कह दिया। पहले 20 अप्रैल को मवई आलमपुर निवासी पूर्व आयकर आयुक्त व भाजपा नेता ब्रजलाल पासी की मौत हो गई। इसके बाद 22 अप्रैल को सलोन के पूर्व ब्लॉक प्रमुख रामसजीवन यादव और फिर आठ मई को सलोन के भाजपा विधायक दलबहादुर कोरी और अब पूर्व विधायक शिवबालक पासी को मौत ने सभी को तोड़ कर रख दिया है।