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सभी राज्य अपने स्तर पर प्रचार प्रसार करें कि कोई भी कांवड़िया यात्री हरिद्वार न पहुंचे: डीजीपी अशोक कुमार

कावड़ मेले के स्थगित करने को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है, पुलिस हाई अलर्ट मोड पर: पुष्कर सिंह धामी

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना की तीसरी लहर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इस साल होने वाले कांवड़ मेले को स्थगित कर दिया था। वहीँ, इस मेले के स्थगित करने को लेकर मुख्यमंत्री धामी का बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अभी कावड़ यात्रा स्थगित करने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। हमारी विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत जारी है। इस पर अंतिम निर्णय अभी होना बाकि है।

सूत्रों के हवाले से मिले खबर के अनुसार कोरोना महामारी को देखते हुए कांवड़ मेले को साल 2020 की तर्ज पर स्थगित किया जा सकता है। उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है। इस बात की पुष्टि डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिस मुख्यालय सभागार में मीटिंग के दौरान कि।

डीजीपी ने कहा कि जो कावड़ इसके बावजूद भी पहुंचेंगे उनके ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वर्ष 2019 में लगभग 3 करोड़ श्रद्धालु कावड़ मेले की यात्रा में पहुंचे थे। वहीँ 2020 में कोरोना महामारी के चलते इस यात्रा पर रोक लगाना पड़ा। नतीजन, वर्ष 2021 में सरकार ने जहां कोविड के मद्देनजर कावड़ यात्रा पर ब्रेक लगाया तो वहीँ, पुलिस भी अपने इंतजाम दुरुस्त करने के लिए अलर्ट मोड़ पर कर लिया है।

मंगलवार को कांवड़ मेले को लेकर पुलिस मुख्यालय में इंटरस्टेट ऑनलाइन कॉर्डिनेशन मीटिंग हुई। इस मीटिंग में कई राज्यों को बताया गया कि सभी राज्य अपने स्तर पर अपने सभी क्षेत्रों में प्रचार प्रसार करें कि कोई भी कांवड़िया यात्री हरिद्वार न पहुंचे। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि थाने स्तर पर मीटिंग कर लोगों को जानकारी भी दी जाए।

मीडिया से वार्ता के दौरान डीजीपी अशोक कुमार ने सख्त निर्देश जारी कर कहा कि कोई भी कावड़ी हरिद्वार पहुंचेगा तो उनको 14 दिन क्वारंटाइन किया जा सकता है। साथ ही बॉर्डर पर अतिरिक्त फोर्स भेजी जाएगी।

गौरतलब है की 23 जुलाई से 6 अगस्त तक कावड़ मेला होना है। लेकिन इस समय कोविड को देखते हुए यात्रा को स्थिगित किया गया है। आपको बतादें की मीटिंग में यूपी, हरियाणा, हिमाचल और ऑनलाइन राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली से पुलिस के बड़े अधिकारी शामिल रहे। डीजीपी ने इन सभी प्रांत के लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग स्थानीय मंदिरों में ही जलाभिषेक करें।

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