
वैवाहिक जीवन में अपने मेल पार्टनर को कैसे करें सपोर्ट…, पढ़ें यह खबर
इसलिए इसे दूसरों के साथ साझा करने से उनका दर्द और बढ़ेगा.
किसी भी वैवाहिक जोड़े के लिए सबसे खुशी और सबसे रोमांच से भरा पल वो होता हैं जब को अपनी लाइफ की एक नई जर्नी शुरू करने के बारे में सोचते हैं, मतलब परिवार आगे बढ़ाने के लिए बेबी प्लान करने का फैसला करते हैं. लेकिन आजकल की लाइफस्टाइल में कुछ जोड़ों को किसी न किसी कॉम्प्लिकेशंस की वजह से कंसीव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिससे उनका ये उत्साह निराशा में बदल जाता है. और यही कठिनाई उन्हें फर्टिलिटी टेस्ट की ओर ले जाती है, जो उनके स्ट्रेस और एंग्जाइटी को और बढ़ा देता है.
हमारे समाज में जहां फीमेल इनफर्टिलिटी (महिला बांझपन) खासी तवज्जो और सहानुभूति का कारण बनती हैं, तो वहीं, मेल (mail) इनफर्टिलिटी का पता लगना अक्सर दिल पर गहरी चोट लगने जैसा होता है, क्योंकि हमारे रूढ़िवादी समाज में इसे अक्सर नपुंसकता (इंपोटेंसी) के रूप में देखा जाता है.
ऐसे में जब आपका साथी (मेल पार्टनर) इनफर्टिलिटी से जुड़े दर्द और दुख से जूझ रहा होता है, तो आपका उन्हें सपोर्ट करना और मुश्किल समय में उनके साथ खड़े रहना जरूरी हो जाता है. यहां कुछ जरूरी टिप्स दिए हैं, जो महिलाओं को अपने पार्टनर्स को इस मुश्किल घड़ी में जरूरी प्यार और सहारा देने में कारगर साबित हो सकते हैं.
एक दूसरे से बात करें…
अपने साथी से पूछें कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं, ताकि उन्हें ये ना लगे कि उन्हें छोड़ दिया गया है. उन्हें खुद को आइसोलेट (अलग) न करने दें, उनके लिए हमेशा उपलब्ध रहें. कोशिश करें और समझें कि वह क्या चाहते है.
किसी अन्य से चर्चा करने से बचें…
ये एक ऐसा समय होता है जब केवल पुरुष पार्टनर ही नहीं, बल्कि महिला साथी भी पीड़ित होती है. जहां पुरुष ऐसी निजी बातों को दिल से रखना पसंद करते हैं, वहीं महिलाएं खुलकर बात करना और दर्द से उबरना पसंद करती हैं. इसलिए आपको (महिला पार्टनर को) इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये आपके पति के लिए अच्छा नहीं होगा. वह इस बात को किसी तीसरे व्यक्ति के सामने खोलने में असहज महसूस कर सकते है. इसलिए इसे दूसरों के साथ साझा करने से उनका दर्द और बढ़ेगा.
उन्हे उबरने का टाइम दें…
अपने साथी को इस बुरी खबर से उबरने के टाइम दें, बच्चा पाने के लिए बेताब न हों क्योंकि ये बेताबी आपको उन्हें डॉक्टर के पास जाने के लिए कहने का दबाव बनाएगी. कोशिश करें कि जब तक वे खुद इसके लिए तैयार न हो जाए, तब तक उसे किसी भी प्रोसिजर के लिए पुश ना करें.
उनके साथ कठोर ना बनें…
ठीक है अगर वो अपनी भावनाओं को खुलकर नहीं बताते हैं. ऐसे में आपको उनपर खुलकर बात करने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का दबाव बनाने की बजाय सिर्फ ये दिखाना है कि जब भी उन्हें जरूरत होगी, तो आप उनके लिए हमेशा मौजूद हैं. संभव है कि वह अपने तनाव को गुस्से के रूप में व्यक्त करें. कोशिश करें कि उस समय बहस न करें और अपना व्यवहार सॉफ्ट और समझदारी भरा रखें.