![तालिबान](/wp-content/uploads/2021/08/muslim-personal-law-board.jpeg)
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने झाड़ा अपना पल्ला, कहा- तालिबान के समर्थन में नहीं दिया कोई बयान
नई दिल्ली : हमारे देश में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर सियासी जंग छिड़ी हुई है। हर राजनीतिक पार्टी इस मुद्दे पर अपने सियासी रोटी को सेकने में लगा हुआ है। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए हाल ही में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी ने तालिबान के समर्थन में बयान दिया था। जिस पर बवाल बढ़ने के बाद आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने प्रवक्ता के इस बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया है।
इस बात की जानकारी बोर्ड की तरफ से ट्वीट करके दिया गया। आपको बता दें कि उस ट्वीट में कहा गया है कि बोर्ड ने तालिबान और अफगानिस्तान की राजनीतिक स्थिति पर कोई टिप्पणी नहीं की है। उसके कुछ सदस्यों की निजी राय को बोर्ड का स्टैंड मानकर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। तो कृपया करके तालिबान को की खबरों को बोर्ड से ना जोड़ा जाए।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, हाल ही में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी ने एक बयान में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को जायज ठहराया था। उन्होंने अपने इस बयान में कहा था कि तालिबान ने पूरी दुनिया के सबसे मजबूत सेनाओं को धूल चटाई है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए नेमानी ने तालिबान को निहत्था कौम ठहराते हुए कहा कि पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे एक निहत्थी कौम ने दुनिया की सबसे मजबूत फौज का मुकाबला किया और काबुल के महल को हांसिल किया। उन्होंने तालिबान के जीत के लिए ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया था। नेमानी के द्वारा इस बयान के जारी होने के बाद बोर्ड पर खासा किरकिरी हुई जिसके बाद बोर्ड ने अपने प्रवक्ता के बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया।