सभी बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार आंगनवाड़ी व स्कूली शिक्षा से जोड़ा जाए
सभी परिवारों को केंद्र एवं प्रदेश सरकार की लाभार्थीपरक योजनाओं का लाभ दिया जाए
लखनऊ: प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में उन चार बच्चों की हौसला-अफजाई करते हुए सम्मानित किया, जिन्होंने गत दिवस में नदी में कूदकर नवजात को बचाने का साहसपूर्ण कार्य किया। राज्यपाल ने इस साहसपूर्ण कृत्य के लिए 10 वर्षीय तौसीफ पुत्र वारिस, 09 वर्षीय हसीब पुत्र रफीक, 07 वर्षीय जीशान पुत्र सूफियान तथा 10 वर्षीय गुफरान पुत्र वजीज को स्कूल बैग, पठन-पाठन सामग्री, मिठाई, चॉकलेट तथा फुटवियर प्रदान कर प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा कि इस कार्य को बच्चों ने अपनी अंतरआत्मा से प्रेरित होकर किया। बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित हैं और अपने इस साहसपूर्ण कार्य के सामाजिक महत्व को जानते तक नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि इनके इस कार्य को आज पूरे देश में प्रशंसा की दृष्टि से देखा जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि इन बच्चों में वो जज्बा है, जो उपयुक्त अवसर मिलने पर देश के बेहतर नागरिक के रूप में इनको विकसित कर सकता है।
अभिभावकों को किया बच्चों की शिक्षा के लिए प्रेरित
राज्यपाल ने बच्चों के साथ उनके माता-पिता को बच्चों की शिक्षा के लिए प्रेरित किया तथा वहां उपस्थित सेना, पुलिस तथा अन्य अधिकारियों का उदाहरण देकर बच्चों के उत्कृष्ट विकास के लिए प्रण भी कराया। ज्ञातव्य है कि बीते दिनों कुड़िया घाट के पास गोमती नदी में नवजात शिशु को चार बहादुर बच्चों ने डूबने से बचाया था। आज उन बहादुर बच्चों की हौसलाफजाई करने हेतु राजभवन आमंत्रित किया गया था। राज्यपाल ने निर्देश दिया कि जिस क्षेत्र में ये चारों बच्चे रह रहे हैं, उस क्षेत्र की सम्पूर्ण झोपड़पट्टी के बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने का कार्य शीघ्र प्रारम्भ करा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि 03 से 06 वर्ष के बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 06 वर्ष से ऊपर के बच्चों का प्राथमिकता से स्कूल में एडमिशन कराया जाए। उन्होंने झोपड़पट्टी की सभी बालिकाओं को केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभ से जोड़ने, सभी परिवारों को अन्य लाभार्थीपरक योजनाओं से जोड़कर उनके आर्थिक उत्थान हेतु कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने झोपड़पट्टी में स्वास्थ्य शिविर लगाकर सभी बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के आवश्यक टीकाकरण, गम्भीर रोगों की जांच सहित स्वास्थ्य सम्बन्धी सभी जांचों और उचित चिकित्सा भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
राज्यपाल ने दिए सर्वे कराने के निर्देश
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने निर्देश दिया कि झोपड़पट्टी स्थल का प्राथमिकता से सर्वे करके वहां की सभी प्रकार की समस्याओं और आवश्यकताओं को सूचीबद्ध कर लिया जाए। सभी सम्बन्धित विभागों से एक अधिकारी, भिक्षा से शिक्षा का कार्य कर रही ‘उम्मीद‘ संस्था, स्वतः प्रेरणा से आगे आकर बच्चों के लिए कार्य करने की इच्छुक आर्मी वाइफ्स वेलफेयर एसोसिएशन के साथ एक कमेटी बनाकर झोपड़पट्टी के विकास पर सर्वोच्च प्राथमिकता से कार्य प्रारम्भ कर दिया जाए। राज्यपाल ने बच्चों के इस साहसपूर्ण कार्य के समान अपने जीवन में घटी परिवर्तनकारी घटना का जिक्र भी किया। उन्होंने गुजरात में अपने शिक्षिका कार्यकाल में नर्मदा नदी के बहाव से दो बालिकाओं को बचाने की साहसपूर्ण घटना के बारे में बताया और कहा कि साहस से जीवन में परिवर्तन आता है। इन सभी परिवारों को गरीबी से निकालकर विकास की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाए। कार्यक्रम में सम्मान पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। राज्यपाल से प्राप्त पुरस्कार में किताबें और कलर बॉक्स देखकर उनके चेहरे की मुस्कान दोगुनी हो गई।