एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कोरोना की तीसरी लहर पर दिया बयान, कहा-प्रभावी होने की आशंका कम
नई दिल्ली : बुधवार को कोरोना की तीसरी लहर की आशंका तथा उसकी तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित सामाजिक संस्था इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड बेलबीइंग काउंसिल (आइएचडब्ल्यू) द्वारा एक वेबीनार आयोजित की गई। एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने इस दौरान कहा कि देश भर में किए गए चौथे सीरो सर्वे के आंकड़ों से तीसरी लहर में कम केस आने की संभावना पता चलता है। टीकाकरण होने वजह से भी तीसरी लहर कम असरदार होगी।
उन्होंने बूस्टर डोज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि, हमारे पास अभी ऐसा कोई विवरण नहीं है, जिसके आधार पर बूस्टर डोज की जरूरत के बारे में कहा जा सकें है। इसलिए बूस्टर डोज की जगह ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अल्फा और डेल्टा वैरिएंट के दूसरी लहर में संक्रमण के रोजना चार लाख से अधिक केस आए थे, परंतु इसकी संभावना तीसरी लहर में ना के बराबर है।
आइसीएमआर ने देश में चौथे सीरो सर्वे में करीब 68% लोगों में एंटीबाडी पाई गई थी। गुलेरिया ने कहा कि भारत सरकार ने तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर सभी हॉस्पिटल में पीएसए प्लांट तथा लिक्विड आक्सीजन भंडारण की व्यवस्था की है। सभी अस्पतालों में आइसीयू बेड की संख्या भी बढ़ाई गई हैं।
उन्होंने कहा कि, बच्चों की तीसरी लहर में ज्यादा संक्रमित होने की बात कही जा रही है। इसकी आशंका कम है। बच्चों के लिए भी अस्पतालों के पीडियाट्रिक विभागों में तैयारियां की गई हैं। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से निपटने के लिए ज्यादातर अस्पतालों में डाक्टर व नर्स को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। अभी भी कई अस्पतालों में प्रशिक्षण चल रहा है। कई अन्य डाक्टरों ने वेबीनार में भाग लिया। संस्था के सीईओ कमल नारायन ने वेबिनार का संचालन किया। अभी तक देश में अबतक 60 करोड़ 23 लाख से अधिक लोग वैक्सीन लगवा चुके है।