
दुर्गा पूजा के बाद दिल्ली में सार्वजनिक स्थान पर मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध, सरकार ने कहा इन तरीकों का करें इस्तेमाल
दिल्ली । राजधानी दिल्ली में इस साल दशहरे के बाद सार्वजनिक स्थानों पर मूर्ति विसर्जन किए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली में प्रदूषण को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने गुरुवार को एक गाइडलाइन जारी की जिसमें उनके द्वारा कहा गया कि सभी लोग अपने घरों में बाल्टी व कंटेनर में ही मूर्ति का विसर्जन करें ।
मूर्ति विसर्जन की वजह नदियों का पानी हो रहा प्रदूषण – डीपीसीसी
इसके साथ ही समिति ने कहा कि , “मूर्ति विसर्जन के चलते नदियों और झीलों में होने वाला प्रदूषण चिंता का विषय है। समिति की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि आगामी दुर्गा पूजा के दौरान यमुना नदी या किसी अन्य जलाशय, तालाबों और घाटों सहित किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन अनुष्ठान घर में ही बाल्टी या कंटेनर में किया जा सकता है।
पानी की गुणवत्ता में आई गिरावट – डीपीसीसी
डीपीसीसी ने आगे कहा कि मूर्ति विसर्जन के कारण पानी की गुणवत्ता में गिरावट को लेकर किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि इससे पानी के संदर्भ में वाहकता, जैव रासायनिक ऑक्सीजन की मांग और भारी धातु एकाग्रता के संबंध में गुणवत्ता में गिरावट आती है। अधिसूचना में कहा गया है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से मूर्ति बनाने के बजाय पारंपरिक मिट्टी जैसी प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया जाना चाहिए।
रासायनिक रंगों व पेंट से होता है जलीय जीवों को नुकसान – डीपीसीसी
समिति ने आगे कहा कि पीओपी से बनी मूर्तियों पर लगाए गए रसायनिक रंगों और पेंट के कारण जलीय जीवों के जीवन पर बेहद हानिकारक प्रभाव पड़ता है। उसने कहा कि मूर्तियों को रंगे जाने के लिए केवल पानी में घुलनशील और गैर विषैले प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाना चाहिए। डीपीसीसी ने इन निर्देशों के साथ ही संबंधित एजेंसियों को हर शुक्रवार को नियमों का उल्लंघनों करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।