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महिलाओं के 30 प्रतिशत आरक्षण को लेकर सीएम धामी ने दिया बड़ा बयान, कहा – ”आरक्षण व्यवस्था उत्तराखंड में रहेगी लागू”

देहरादून : मसूरी गोलीकांड(Mussoorie shooting) की 28वीं बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी ने सम्बोधन के दौरान कई सारे मुद्दों बोलते हुए नजर आए। इसी दौरान उन्होंने महिलाओं को दिए जाने वाले 30 आरक्षण पर दिए गये हाईकोर्ट के फैसले को लेकर बोलते हुए कहा कि, ”भले ही महिलाओं के 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ हाई कोर्ट ने फैसला दिया हो, लेकिन हमारी सरकार प्रतिबद्ध है कि यह आरक्षण व्यवस्था उत्तराखंड में लागू की जाए इसलिए हम यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ने के लिए तैयार हैं. हम अपने इस एजेंडे की ज़बरदस्त पैरवी शीर्ष कोर्ट में करेंगे”

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गौरतलब है कि, उत्तराखंड की मूल निवासी महिलाओं को उत्तराखंड सरकार की ओर से 30% आरक्षण का प्रावधान है। लेकिन इस नियम के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर ससुनवाई करते हुए कोर्ट ने भर्ती घोटालों के बीच राज्य में लोक सेवा आयोग की परीक्षा में राज्य की महिलाओं का 30 प्रतिशत आरक्षण खत्म कर दिया, इसके साथ ही कहा कि ,आयोग नए सिरे से कटऑफ लिस्ट तैयार करे ताकि बेहतर अंक लाने वाली महिलाओं को उनका हक मिल सके ताकि बेहतर अंक लाने वाली महिलाओं को उनका हक मिल सके ।

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हाईकोर्ट ने दिया ये फैसला 

महिलाओं के आरक्षण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उत्तराखण्ड मूल की महिलाओं के आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इस आदेश उत्तराखंड राज्य सरकार के 2006 के शासनादेश से इन महिलाओं को आरक्षण मिलता रहा था। दरअसल रिचा साही समेत अन्य ने कहा कि, ”सरकार ने विभिन्न विभागों में प्रारंभिक परीक्षा की हैए जिसका परिणाम बीती 26 मई को आया. साही के मुताबिक 2 कट ऑफ लिस्ट निकाली गई और उत्तराखण्ड मूल की महिलाओं को आरक्षण दिया गया”।  वहीं याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सरकार का कदम असंवैधानिक है क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 16 के तहत राज्य सिर्फ आर्थिक रुप से कमजोर व पिछले तबके को ही आरक्षण दे सकता है।

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