
संसद भवन के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का विदाई समारोह संपन्न हुआ। समारोह में प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर समेत कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इस दौरान कोविंद को विदाई पत्र और स्मृति चिह्न भेंट किया गया।
रामनाथ कोविंद आज यानी रविवार को देश को संबोधित करेंगे। इससे पहले विदाई समारोह के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय हित में दलगत राजनीति से ऊपर उठने को कहा। उन्होंने राजनीतिक दलों से यह तय करने को कहा कि लोगों के कल्याण के लिए क्या जरूरी है? संसद के सेंट्रल हॉल में अपने विदाई भाषण में सांसदों को संबोधित करते हुए कोविंद ने शांति और सद्भाव के मूल्यों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, लोगों को अपने लक्ष्यों को पाने की कोशिश करने के लिए विरोध करने और दबाव बनाने का अधिकार है, लेकिन उनके तरीके गांधीवादी होने चाहिए।
कोविंद ने कहा कि वह हमेशा खुद को बड़े परिवार का हिस्सा मानते हैं, जिसमें सांसद भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार की तरह कई बार उनके बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें देश के व्यापक हितों के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
सभी सांसदों और मंत्रियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, आप सभी के लिए यह गर्व की बात है कि, आप भारत की जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा कि मेरे सभी पूर्व राष्ट्रपति मेरे लिए प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। कोविंद ने कहा कि पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आंबेडकर के सपनों का भारत बन रहा है।