उत्तराखंड सरकार ने ग्राम विकास एवं पलायन आयोग के नाम में किया बदलाव, जानिए अब किस नाम से होगी पहचान?
देहरादून : उत्तराखंड में धामी सरकार ने बैठक के दौरान बड़ा फैसला लेते हुए ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग(Rural Development and Migration Commission) का नाम में बदलाव किया है. इस बदलाव के साथ अब ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग का नाम बदलकर ”पलायन निवारण आयोग” रख दिया गया है. इस बात की जानकारी सीएम पुष्कर सिंह धामी(CM Pushkar Singh Dhami) ने शुक्रवार को आयोग की बैठक में यह निर्देश दिए।
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इसके आगे बोलते हुए धामी ने कहा की, ”आयोग की संस्तुतियों के बेहतर ढंग से क्रियान्वयन के लिए अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में कमेटी बनाने को भी कहा। कमेटी में बतौर सदस्य आयोग के सदस्य शामिल होंगे। वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने के लक्ष्य पर सरकार काम कर रही है। विकास से जुड़े नए विषयों को आगे बढ़ाया जा रहा है। पलायन आयोग किस-किस क्षेत्र में योगदान दे सकता है, उनकी कार्ययोजना बनाने के साथ ही कार्य और उपलब्धियां धरातल पर दिखें, इस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।”
आयोग की बैठक में सीएम धामी ने कहा की, ”सरकार की तरफ से निर्देश दिए कि आयोग द्वारा दिए जा रहे सुझावों को अमल में लाने के लिए संबंधित विभाग ठोस कार्ययोजना बनाएं। जनकल्याणकारी योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हों, इसके लिए प्रक्रिया के सरलीकरण पर ध्यान दिया जाए।पलायन की रोकथाम को ग्राम केंद्रित योजनाओं पर ध्यान देने के साथ ही आजीविका के साधन बढ़ाने और अवस्थापना विकास से संबंधित कार्यों पर विशेष जोर दिया जाए। आयोग और ग्राम्य विकास को अपने उद्देश्यों व लक्ष्यों को पूरा करने के लिए दायरा सीमित न हो।”
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वही बैठक में शामिल आयोग के उपाध्यक्ष डा एसएस नेगी ने बताया कि, ”आयोग अब तक 16 रिपोर्ट प्रस्तुत कर चुका है। उन्होंने कहा कि काफी संख्या में प्रवासियों का रुझान रिवर्स पलायन की दिशा में बढ़ा है। बैठक में आयोग के सदस्यों ने भी राज्य के विकास के दृष्टिगत सुझाव दिए।” बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व आनंद बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डा पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव आनंद स्वरूप, आयोग के सदस्य अनिल शाही, रंजना रावत, सुरेश सुयाल, दिनेश रावत व रामप्रकाश पैन्यूली उपस्थित थे।