पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए वर्चुअल रैलियां शुरू, अगले साल होगा चुनाव
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव अगले साल यानी कि 2021 में होने हैं। लेकिन, राजनीतिक सरगर्मी
अभी से देखी जा सकती है। बता दें, कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा ने पश्चिम
बंगाल के आगामी चुनावों के लिए कमर कस ली है। हालांकि पिछले चुनाव में हुए नुकसान के बाद से
भाजपा सीख लेते हुए मैदान में उतरी है।
कोलकाता में चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। साथ ही “बांग्लार गर्बो ममता’ के पोस्टर भी टांगे जा चुके
हैं। वर्चुअल रैलियों के साथ डोर-टू-डोर पर्चे भी बांटे जा रहे हैं।
भाजपा केंद्र सरकार के किए गए काम और उपलब्धियों के पर्चे बांट रहे है। उनका टारगेट एक करोड़ लोगों
तक ये पर्चे बांटना हैं। जिनमें से 80 लाख लोगों तक ये परचे बाटें जा चुके हैं। विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के इर्दगिर्द ही रहेगा।
वहीं लोगों का कहना है, कि बंगाल में वही होता है जो ‛दीदी’ या ‛दादा’ चाहें। दीदी यानी कि ममता बनर्जी
और दादा जो भी इलाके का दबंग हो।
वहीं बात दोनों के चुनावी मुद्दो की करें तो भाजपा ममता बनर्जी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर जंग में
उतरी है तो ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को कठघरे में ला खड़ा किया है।
भाजपा के बड़े नेताओं ने वर्चुअल रैलियां करनी शुरू कर दी हैं। इन रैलियों का मुख्य मुद्दा कोरोना से लड़ने के
लिए प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से घोषित 20 लाख करोड़ पैकेज और ममता की विफलता है।
कवि और नाट्यकर्मी महेश जयसवाल का कहना है, कि इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी विरोधी वोट
बंटने से रोकने के लिए ममता वामदलों और कांग्रेस से तालमेल बैठाने की पेशकश कर रही हैं।
वहीं कांग्रेस भी तालमेल बैठाने की पूरी कोशिश करेगी। साथ ही अपनी स्थिति सुधारने के लिए और
विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए भी पूरी कोशिश करेगी, जिसका फायदा उन्हें अगले लोकसभा चुनाव में होता
दिखेगा।