
कोरोना से मरने वाली महिला को पुलिस नहीं मान रही कोरोना योद्धा
कोरोनरी आर्टरी डिजीज के मरीजों का इलाज करते समय महिला डॉक्टर संक्रमित हो गईं और उनकी मौत हो गई। तब भी उन्हें कोरोना योद्धा कल्याण योजना का लाभ नहीं दिया गया। महिला के पति ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। सरकार को नोटिस देकर जवाब देने को कहा गया है।
मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलीमठ और न्यायमूर्ति विजय शुक्ला की पीठ ने मंगलवार को भोपाल के नीलेश मडावगड़े की याचिका पर सुनवाई की। नीलेश ने अपनी याचिका में कहा है कि उनकी पत्नी भारती मांझी रायसेन के सिलवानी में आयुष अधिकारी के पद पर तैनात थीं। भारती कोरोना संक्रमण के इलाज और रोकथाम के लिए आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी पर थीं। 1 मई, 2021 को ड्यूटी के दौरान उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई, जिसके बाद उनमें ऑक्सीजन का स्तर कम पाया गया। उसे इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। वह अगले दिन मर गया।
याचिका के मुताबिक इलाज के दौरान भारती मांझी को भी कोरोना होने का पता चला था। अंतिम संस्कार भी कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया। उपचार के दौरान RTPCR परीक्षण नहीं किया गया था। इस आधार पर सरकार ने उन्हें कोरोना वॉरियर के तौर पर मान्यता देने से इनकार कर दिया है। वहीं, प्रखंड चिकित्सा अधिकारियों ने लिखित में कहा है कि समय से पहले रेफर होने के कारण आरटीपीसीआर परीक्षण नहीं कराया गया। याचिका में राज्य सरकार, चिकित्सा शिक्षा निदेशक, जिला आयुष अधिकारी को पक्षकार बनाया गया है। याचिका पर अगली सुनवाई दिसंबर में होनी है।