
नई दिल्ली: दिल्ली में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज तीनों के कानूनों की वापसी के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के ऐलान के बाद सरकार ने पहला कदम बढ़ा लिया है। बता दें कि इस बारे में अभी तक सरकार की ओर से कोई अधिकारी कला नहीं किया गया है वहीं आप 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार इस बिल को वापस लेने के लिए एक विधेयक पेश करेगी। आपको बता दें कि जून 2020 में सरकार तीनों केस कानूनों को अध्यादेश लेकर आई थी उस कानून को रद्द करने के लिए बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पास हो गया है।
आगे क्या है रणनीति
कैबिनेट मीटिंग में तीनों प्रेस कानून को रद्द करने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद अभी से 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में बिल को पेश किया जाएगा। बता दें कि कृषि मंत्रालय संसद में 3 कृष कानूनों की वापसी से जुड़े प्रस्ताव तैयार करेगी और उस कानून मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। कानून मंत्रालय इस प्रस्ताव में कानूनी वैधता की जांच करेगा हालांकि केंद्रीय कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद कानून मंत्रालय के पास कुछ ज्यादा जांच के लिए नहीं होता है आसानी से इस प्रस्ताव को क्लेरेंस मिल जाता है वहीं संसद में बिल वापसी पर चर्चा बहस और वोटिंग की जाएगी संसद में दो तिहाई बहुमत मिलने के बाद उसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। संसद के दोनों सदनों में बेल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा | राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही इस कानून को रद्द या निरस्त कर दिया जाएगा।