Madhya Pradesh: बारिश व कोयला की कमी से राज्य में मंडराया बिजली संकट
Madhya Pradesh: एमपी के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संकट गहरा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अघोषित कटौती से भी परेशान हैं। पर्याप्त बारिश नहीं होने से नर्मदा पट्टी से जुड़े क्षेत्रों में कोयले की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने से समस्या गंभीर हो गई है। बिजली की मांग होने के कारण अन्य राज्यों से भी राष्ट्रीय स्तर से भी बिजली की उपलब्धता कम है।
इस समय मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में बिजली की मांग 10,500 मेगावाट से अधिक है। इसके बदले 9,500 से 9,600 मेगावाट की ही आपूर्ति हो रही है। बिजली उत्पादन हाइड्रल पावर प्रोजेक्ट से प्रभावित हुआ है। इनसे संबंधित बांध अभी 30 फीसद ही भरे हुए हैं। 30 जून तक बांध पर्याप्त भर नहीं पाए सामान्य तौर पर बांधों का पानी खाली किया जाता है, क्योंकि बारिश का पानी आने से बांध ओवरफ्लो हो जाते हैं।
आलम यह है कि जबलपुर से खंडवा तक बांधों से पानी खाली करने के बाद क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई, जिससे बांध पर्याप्त भरे नहीं और बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ। बिजली की मांग राष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ी है, ऐसे में प्रदेश का कोटा कम हुआ है। विंध्याचल ताप विद्युत गृह को 1,150 से 1,200 मेगावाट बिजली मिलती है, लेकिन करीब 15 दिन से यहां सिर्फ 550 मेगावाट बिजली ही मिली।
अच्छी बारिश नर्मदा पट्टी में हो तो पर्याप्त बिजली उत्पादन होने लगेगा। ओंकारेश्वर परियोजना और इंदिरा सागर से 1,500 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी। बारिश से सरदार सरोवर बांध से मिलने वाली बिजली पर भी असर पड़ेगा और संकट से राहत मिलेगी।
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