![पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के नाम पर की महाराष्ट्र सरकार ने अवॉर्ड की घोषणा](/wp-content/uploads/2021/08/पूर्व-पीएम-राजीव-गांधी-के-नाम-पर-की-महाराष्ट्र-सरकार-ने-अवॉर्ड-की-घोषणा.jpg)
पूर्व पीएम राजीव गांधी के नाम पर की महाराष्ट्र सरकार ने अवॉर्ड की घोषणा
हॉकी के जादूगर रहे मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम किए जाने पर लोगों की अलग-अलग राय है। इस मुद्दे पर अभी विवाद शुरू ही हुआ था कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर एक पुरस्कार का ऐलान कर दिया।
नई दिल्ली : भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक बेहद खास और गौर्वान्वित रहा है। ओलंपिक गेम्स के इतिहास में भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। देश के हिस्से में इस बार एक गोल्ड समेत 7 मेडल आए जो भारत का सर्वाधिक स्कोर रहा। इस बीच केंद्र सरकार ने खेल रत्न पुरस्कार का नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के नाम ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ से बदलकर ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ कर दिया। सरकार के इस फैसले को लेकर अब राजनीति तेज हो गई है।
हॉकी के जादूगर रहे मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम किए जाने पर लोगों की अलग-अलग राय है। इस मुद्दे पर अभी विवाद शुरू ही हुआ था कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर एक पुरस्कार का ऐलान कर दिया। सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी सरकार ये पुरस्कार उन लोगों को देगी जो आईटी क्षेत्र में अच्छा काम करेंगे। महाराष्ट्र आईटी विभाग के राज्यमंत्री सतेज पाटील ने ट्वीट कर ये जानकारी दी।
सतेज पाटिल ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘महाराष्ट्र सरकार ने आईटी क्षेत्र में उत्कृष्ट संगठनों को प्रोत्साहित करने के लिए पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के नाम पर एक पुरस्कार घोषित किया है।’ प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह पुरस्कार हर साल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की याद में 20 अगस्त को दिया जाएगा। इस संबंध में मंगलवार को प्रशासनिक निर्णय जारी किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा है कि आईटी विभाग के राज्यमंत्री सतेज पाटील की अध्यक्षता में हुई बैठक में 7 जुलाई, 2021 को ही इस पर फैसला ले लिया गया था। बता दें कि खेल रत्न अवार्ड का नाम बदले जाने पर शिवसेना ने केंद्र पर हमला बोला था। शिवसेना ने कहा था कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर हॉकी के महान खिलाड़ी ध्यानचंद के नाम पर रखने का फैसला लोगों की इच्छा नहीं, बल्कि एक ‘राजनीतिक खेल’ है।