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पुष्कर सिंह धामी : यहां जानें कैसा रहा छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री पद तक का सफर

जुलाई महीने के शुरूआत में मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी। उत्तराखंड के इतिहास में आज तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री है। मुख्यमंत्री बनते ही लोगो को पुष्कर सिंह धामी से बहुत आस है। अपने विधानसभा छेत्र खटीमा में लोग उनको और उनके काम को काफी पसंद करते है। मुख्यमंत्री बनते ही उन्होनें बेरोजगारी हटाने को अपने प्राथमिकता बताया।

कैसा रहा उनका छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री पद तक का सफर। आइये डालते है एक नज़र –

1. 1975 में पिथौरागढ़ के कनालीछीना क्षेत्र में पैदा हुए धामी पहाड़ी राज्य में सिर्फ 116 दिनों के छोटे समय में तीसरे मुख्यमंत्री बने। त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत के बाद BJP ने पुष्कर सिंह धामी(एक युवा चेहरा) को इस बार मौका दिया।

2. 45 साल की उम्र में धामी राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने।

3. धामी 30 से अधिक वर्षों से RSS जुड़े हुए है। वह 10 वर्षों तक आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य भी रहे और इस अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में काम किया।

3.  पुष्कर सिंह धामी 2002 से 2008 तक दो बार भाजपा उत्तराखंड युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने राज्य में शहरी निगरानी समिति के राज्य मंत्री रैंक के साथ उपाध्यक्ष का पद भी संभाला।

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4. एक पूर्व भारतीय सेना के जवान के बेटे पुष्कर सिंह धामी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के OSD पर एक अधिकारी थे।

5. 2002 में जब कोशियारी पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बने तो धामी ने भाजपा के मामलों की राजनीति में  सक्रिय भूमिका निभाई। उनको चुनावों में लाने वाले भी कोशियारी ही थे।

6. उन्होंने खटीमा विधानसभा सीट से सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था। धामी कथित तौर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भी करीबी हैं।

7. 2012 में वो पहली बार विधायक बने। पर तब BJP सिर्फ 1 सीट से असेम्बली चुनाव हार गई थी।

8. धामी ने 2017 में फिर खटीमा से अपनी सीट में विजय पाई।

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