
नंदीग्राम सीट पर हुए चुनावों को लेकर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, कोर्ट ने सुवेंदु अधिकारी को भेजा नोटिस
नंदीग्राम सीट पर हुए विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती को लेकर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता पहुंचे हाईकोर्ट। हाईकोर्ट ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी को भेजा नोटिस।
कोलकाता। एक तरफ जहां नंदीग्राम सीट पर हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में सियासत खासा गरमाई हुई है। तो वहीं दूसरी तरफ इस चुनाव के नतीजों को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई।
हाईकोर्ट में दायर इस याचिका में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में वोटों की गिनती पर सवाल उठाए थे और उनकी दोबारा गिनती की मांग की थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के इसी याचिका पर आज सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के नेता सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ एक नोटिस जारी करते हुए इसकी अगली सुनवाई को 12 अगस्त 2021 तक टाल दिया है।
अपने पाठकों को हम बता दें कि नंदीग्राम सीट से पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव लड़ा था, मगर टीएमसी छोड़ बीजेपी में गए सुवेंदु अधिकारी ने उन्हें वहां से हरा दिया। चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वोटों की गिनती को लेकर निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाए थे और कहा था कि वो इस मामले को कोर्ट तक लेकर जाएंगीं।
कोर्ट में दर्ज इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस शंपा सरकार की सिंगल बेंच ने निर्वाचन आयोग को नंदीग्राम सीट से जुड़े सारे दस्तावेजों को जमा कराने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई जब तक नहीं हो जाती तब तक इलेक्शन से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट, रिकॉर्डिंग और तमाम दूसरे कागजात को एकदम सुरक्षित रखा जाए।
वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वकील ने कोर्ट में बताया कि उन्होंने किस आधार पर इस याचिका को दर्ज करवाया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता खुद भी कोर्ट में उपस्थित होने को तैयार हैं।
हम अपने पाठकों को बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की इस याचिका पर इससे पहले जस्टिस कौशिक चंद्र को सुनवाई करनी थी। मगर टीएमसी नेताओं की तरफ से उनकी एक तस्वीर बीजेपी नेताओं के साथ वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री ने जस्टिस चंद पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी से करीबी रिश्ते में है। जिसके बाद चंद को इस केस से हटाना पड़ा और पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस चंपा सरकार की सिंगल बेंच को सौंपी दी गई।
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