
दिल्ली में आया पानी का संकट, दिल्ली जल बोर्ड ने हरियाणा को ठहराया जिम्मेदार
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने हरियाणा पर लगाया आरोप, कहा- 120 एमजीडी कम मिल रहा पानी। प्रधानमंत्री आवास सहित कई मंत्रालयों और दूतावासों में भी हो सकती है पानी की किल्लत।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली और हरियाणा में पानी के बढ़ती दिक्कतों ने वहां के स्थानीय जनता को ख़ासा परेशान कर रखा है। इस बीच इस जल विवाद को लेकर एक बार फिर से सियासत छिड़ गई है। राजधानी दिल्ली के जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने राजधानी में हो रही पानी की दिक्कतों का ठीकरा हरियाणा पर फोड़ा है।
उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि फिलहाल करीब 120 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) कम पानी मिल रहा है। इससे राजधानी में शोधित जल की करीब 100 एमजीडी कमी हो गई है। हरियाणा से जलापूर्ति सामान्य नहीं हुई तो आने वाले दिनों में पानी के लिए ख़ासा परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
जिसका असर प्रधानमंत्री आवास से लेकर सुप्रीम कोर्ट समेत अन्य सरकारी कार्यालयों पर भी पड़ सकता है। उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रधान मीडिया सलाहकार विनोद मेहता ने ट्वीट के जरिए कहा कि दिल्ली सरकार और उसमें शामिल लोग आदतन शिकायती हैं। बीते सात साल में ऐसा कोई भी दिन नहीं है, जिस दिन दिल्ली को उसके पानी के कोटे को पूर्ण मात्रा में ना उपलब्ध कराइ हो।
उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड पड़ोसी राज्यों से अतिरिक्त पानी की मांग लगातार मई से ही से कर रहा था। जिसके लिए हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया और राजधानी को तय सीमा के तहत पानी नहीं देने की बात रखी। कोर्ट ने अपर यमुना रिवर बोर्ड को हरियाणा को उचित निर्देश देने के लिए कहा।
जिसके बाद यमुना रिवर बोर्ड ने हरियाणा को अतिरिक्त 150 क्यूसेक पानी दिल्ली को देने का आदेश दिया, लेकिन हरियाणा ने अतिरिक्त पानी के साथ-साथ कानूनी जिम्मेदारी के तहत आने वाले हिस्सों पर भी रोक लगा दी। आपको बता दें कि दिल्ली अपनी पानी की पूर्ति के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर करता है। पूर्व समझौतों और सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय के तहत हर राज्य के लिए दिल्ली को दिए जाने वाले पानी के मात्रा को निर्धारित किया है।
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