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पंजाब कांग्रेस : समिति की बैठक में क्या निकल आया सुलह का फार्मूला ?

पंजाब में राजनीतिक उछाल देखने को मिल रहा है जिसके चलते कांग्रेस पार्टी द्वारा घमासान को सुलझाने के लिए एक समिति का गठन किया गया था जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की बैठक के बाद पार्टी के शीर्ष हलकों में उठापटक का समाधान निकालने की उम्मीद दिख रही है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि पार्टी के सदस्यों में सुलह का फार्मूला निकाल लिया गया है ।

Punjab Congress

जानकारी की माने तो समिति के समक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू समेत विरोधी खेमे के नेताओं के अधिकतर आरोपों का सबूतों के साथ जबरदस्त जवाब दिया है। वहीं दूसरी ओर अगले साल होने वाले पंजाब चुनाव में कांग्रेस के हितों में सबको साथ लेकर चलने के लिए अपना रुख कुछ लचीला रखने के भी संकेत लग रहे हैं। हालांकि इस बारे में कुछ स्पष्ट कहा नहीं जा सकता है।

जानकारी के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाईकमान द्वारा बनाई गई समिति की बैठक में यह तक बताया है कि चुनाव में कांग्रेस की कामयाबी के लिए उनकी तैयारी कितनी पुख्ता है, बताया जा रहा है कि गतिरोध के हल के लिए कैप्टन पंजाब और प्रदेश कांग्रेस में बदलाव के विकल्पों के खिलाफ नहीं है।

वही कांग्रेस पार्टी पंजाब में अपनी पकड़ ढीली नहीं करना चाहती है जिसको देखते हुए कैप्टन अमरिंदर सहित तमाम नेताओं और विधायकों से चर्चा के बाद कांग्रेस नेतृत्व अब सिद्धू और दूसरे विरोधियों खेमे के नेताओं को पंजाब कैबिनेट और कांग्रेस संगठन में समायोजित करने के फार्मूले पर मंत्रणा करने की तैयारी में है । राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुआई वाली तीन सदस्यीय समिति के साथ अपनी करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी बातचीत का ब्योरा तो नहीं दिया मगर इशारों में ही मौजूदा अंदरूनी गतिरोध का समाधान निकलने का संकेत दिया।

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साथ लेकर चलने की हुई चर्चा

कांग्रेस हाईकमान के सूत्रों के हवाले से जानकारी यह भी सामने आई है कि कैप्टन से चर्चा के दौरान खड़गे समेत समिति के सदस्यों ने नवजोत सिंह सिद्धू और अन्य नाराज कांग्रेस के नेताओं को साधने और साथ लेकर चलने के विकल्पों पर भारी चर्चा की है। चर्चा के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब सरकार के संचालन से लेकर कांग्रेस के चुनाव प्रबंधन के लिए किए गए अपने प्रयासों और आगे की तैयारियों को पूरी रूपरेखा के साथ इस बात का संदेश तो दे दिया है कि सियासी उठापटक के समाधान के लिए व्यवहारिक सियासी फार्मूला के विकल्पों पर उन्हें एतराज नहीं और वह गौर भी करेंगे लेकिन उनके नेतृत्व को कमजोर करने का कोई प्रयास और फार्मूला स्वीकार नहीं होगा।

सूत्रों ने बताया कि सुलह फार्मूले के तहत घमासान खत्म करने के लिए पंजाब मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जा सकता है और नवजोत सिद्धू को उपमुख्यमंत्री के ओहदे के साथ दोबारा सरकार में लाया जा सकता है। कैबिनेट के कुछ अन्य चेहरों की अदला-बदली भी संभव है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ की जगह संगठन की कमान नए चेहरे को सौंपने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। जाखड़ प्रदेश अध्यक्ष का अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और उन्हें सरकार में जगह मिल सकती है।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की सोनिया गांधी से मुलाकात की संभावनाएं

कांग्रेस हाईकमान द्वारा पंजाब में मसले को सुलझाने के लिए जो सदस्यों की समिति का गठन किया गया है , वह अब जानी चर्चा के बाद निकले समाधान के विकल्पों के साथ अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और इस हफ्ते के अंत में या अगले हफ्ते की शुरुवात में यह रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी जाएगी। इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह की सोनिया गांधी से मुलाकात की संभावना है, जिसमें समाधान का अंतिम फार्मूला निकलने की उम्मीद है।

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