
कोरोना में अनाथ हुए लोगों की मोदी सरकार कैसे कर रही है मदद ?
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने काफी तबाही मचाई है जिसके चलते कई बच्चों ने अपने मां-बाप को खो दिया है वहीं कई बच्चे ऐसे भी हैं जो घर पर है लेकिन उनके मां बाप कोरोना संक्रमण से जंग लड़ने में अस्पताल पहुंच गए हैं कोरोना वायरस संक्रमण ने भारत के अंदर काफी भयानक स्थिति पैदा कर दी थी जिससे उभरने में सरकारों को साल लग जाएंगे हालांकि भारत में अब कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिलने लगी है जानकारी की मानें तो जल्द भारत दूसरी लहर से मुक्त हो जाएगा लेकिन भारत पर मुसीबतें अभी कम नहीं है क्योंकि तीसरी लहर के आने का भी अनुमान लगाया जा रहा है उसके साथ ही कई और बीमारियां भी जन्म ले चुकी है जैसे ब्लैक फंगस वाइट फंगस येलो फंगस के मामले भी सामने आते देखे जा रहे हैं जो जानलेवा साबित हो रहे हैं।
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ऐसे में जिन बच्चों ने अपने मां बाप को खो दिया है और संक्रमण की दूसरी लहर में वह अनाथ हो गए हैं उनके लिए राज्य सरकारें और केंद्र सरकार अपना हाथ आगे बढ़ा रही हैं ताकि उन बच्चों की जीवन शैली बेहतर हो सके और उन्हें मां-बाप की कमी ना खली उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो। कई योजनाओं के चलते राज्य सरकार द्वारा बच्चों की भलाई के लिए कदम उठाए गए हैं जिसमें मुफ्त शिक्षा जैसी बातों का जिक्र किया गया है। खासकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से इन बच्चों को मदद करने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की गई है जिसकी तारीफ है होती बखूबी देखी जा सकती है।
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क्या है प्रधानमंत्री की योजना ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा PM care For Children योजना की शुरुआत की गई है जिसके तहत सरकार उन बच्चों को सहायता राशि देगी जो कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में अनाथ हो गए हैं जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता या फिर अभिभावकों को खो दिया है उनकी देखभाल करने के लिए इस दुनिया में कोई भी नहीं है। जानकारी सामने आई है कि इस योजना के तहत ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र में मासिक सहायता राशि और 23 साल की उम्र में केयर से ₹1000000 का फंड भी दिए जाने की बात कही गई है।
निशुल्क शिक्षा
इतना ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री की इस योजना के अंतर्गत बच्चों के लिए फ्री शिक्षा भी सुनिश्चित की जाने की बात कही गई है इन बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए लोन दिया जाएगा और इसके लिए जो भी ब्याज होगा वह प्रधानमंत्री के अखंड की तरफ से दिया जाएगा कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों को 118 साल की उम्र तक आयुष्मान भारत योजना के तहत 500000 तक का हेल्थ इंश्योरेंस भी दिया जा रहा है इसके लिए जो भी प्रीमियम है वह प्रधानमंत्री केयर फंड्स की तरफ से भुगतान किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है इसलिए हम लोग इन बच्चों की मदद के लिए सब कुछ करेंगे समाज के नाते भी हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों का ख्याल रखें और उनके बेहतर भविष्य के लिए काम करें।
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अमित शाह ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री द्वारा इस योजना की शुरूआत की जाने पर गृहमंत्री अमित शाह ने इस योजना की प्रशंसा करते हुए ट्वीट किया है उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार ने कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों का ध्यान रखने के लिए एक बहुत ही संवेदनशील और कल्याणकारी निर्णय लिया है उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि इस योजना में बदलाव से कुरौना पीड़ित परिवारों को मदद मिल सकेगी और उनकी आर्थिक कठिनाइयां कम होंगी।
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वहीं EDLI के तहत आने वाला इंश्योरेंस स्कीम के बेनिफिट को भी बढ़ाया गया है. इसे अब छह लाख से बढ़ाकर सात लाख कर दिया गया है. वहीं इस इंश्योरेंस के तहत मिलने वाले मिनिमम लाभ 2.5 लाख को फिर से लागू कर दिया गया है. इसे 15 फरवरी 2020 से अगले तीन सालों के लिए लागू किया गया है.