फतेहपुर: भरोसे की खास वजह बनी डायल 112, चर्चा में मित्र पुलिस
फतेहपुर: जिले में चाहे दुर्घटना हो, या फिर चोरी, हर छोटी से बड़ी घटना के बाद सबसे पहले डायल 112 याद आती है। क्योंकि यही वो नंबर है जो हमें सुरक्षा का अहसास दिलाता है। इनमें तैनात 429 पुलिसकर्मी दिन रात लोगों की मदद करने के लिए जी जान से जुटे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि मित्र पुलिस की छवि बनाने में डायल 112 के यह स्पेशल 429 जवान बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। आज हम आपको डायल 112 के संक्षित कार्यप्रणाली से अवगत कराएंगे।
जिले की 30 लाख की आबादी को सुरक्षा का अहसास दिलाने के लिए महिला थाना सहित कुल 22 थाने काम कर रहे हैं। इसके साथ ही तत्काल राहत पहुंचाने के लिए डायल 112 तत्परता के साथ अपना योगदान दे रहीं है। आकड़ों की बात करें तो डायल 112 में प्रतिदिन औसतन 200 से 225 शिकायतें आती हैं। जिनमें लगभग शिकायतों का निस्तारण हो जाता है। इन शिकायतों के निस्तारण के लिए 429 पुलिसकर्मी मुस्तैदी से जुटे रहते हैं। इनमें महिला-पुरुष निरीक्षक, उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल और होमगार्ड शामिल होते हैं। डायल 112 के पास अपना खुद का सेटअप है, जिसमें कुल 56 वाहन हैं। इनमें 40 चार पहिया और 16 दो पहिया वाहन शामिल हैं।
दिन रात पीड़ितों की मदद कर रहे 429 पुलिसकर्मी
जब भी कोई पीड़ित डायल 112 पर कॉल करता है तो वह कॉल सबसे पहले यूपी 112 मुख्यालय जाती है। तो शिकायतकर्ता की ऑनलाइन मामला भी दर्ज होता है, जिसमें घटना से संबंधित जानकारी शामिल होती है। इसका एक टेक्स्ट मैसेज पीड़ित के मोबाइल पर भी जाता है। डायल 112 मुख्यालय से संबंधित जानकारी रेडियो ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (आरओआईपी) केंद्र फतेहपुर के लिए भेजी जाती है। यहाँ से संबंधित स्थान के लिए डायल 112 वाहन में इंस्टॉल सिस्टम पर जानकारी भेजी जाती है। इसके बद फतेहपुर डायल 112 कार्यालय प्रभारी की जिम्मेदारी शुरू होती है। डायल 112 संबंधित क्षेत्र पर जाकर पीड़ित की संभव मदद करती है, आवश्यकता होने पर पीड़ित पक्ष को नजदीकी थाने में ले जाकर समस्या को हल कराने का प्रयास करती है। इस तरह फतेहपुर जनपद में आरओआईपी प्रभारी इंस्पेक्टर राम केवल पटेल और डायल 112 कार्यालय प्रभारी इंस्पेक्टर प्रदीप मोहन सहित 429 पुलिसकर्मी दिन रात पीड़ितों की मदद कर रहे हैं।