मणिपुर में राहत-पुनर्वास देखेगी तीन महिला जजों की कमेटी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 42 SIT टीम करेंगी जांच
42 SIT टीम जांच करेंगी, DIG रैंक के अफसर के हाथ में होगी निगरानी
नई दिल्ली/इंफाल: सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर हिंसा को लेकर सोमवार को फिर सुनवाई हुई। आज राज्य की हालातों की जानकारी देने मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हाईकोर्ट के तीन जजों की कमेटी मणिपुर में जाकर राहत और पुर्नवास देखे। अदालत ने ये भी कहा कि ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए, जिससे राज्य के लोगों में विश्वास और कानून के शासन में भरोसा लौट सके।
मणिपुर जाने वाले तीन जजों में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस रहीं गीता मित्तल कमेटी की हेड रहेंगी। इनके अलावा कमेटी में दो अन्य सदस्य जस्टिस (रिटायर्ड) शालिनी पी जोशी और जस्टिस (रिटायर्ड) आशा मेनन रहेंगी। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल (AG) आर वेंकटरमणी ने कहा, मणिपुर की मौजूदा स्थिति नाजुक है। लोगों में बाहर से जांच होना विश्वास पैदा नहीं करेगा। सरकार स्थिति को संभालने के लिए परिपक्व तरीके से डील कर रही है। मणिपुर में एक आर्टिफिशियल सिचुएशन बनाई गई है, जिससे बताया जा रहा है कि सरकार कुछ नहीं कर रही। यह बहुत उलझाऊ स्थिति है।
हिंसा के मामलों की 42 SIT करेंगी जांच
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर में हिंसा से जुड़े मामलों में 42 स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (SIT) जांच करेंगी। इन मामलों को अभी तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (SBI) को ट्रांसफर नहीं किया गया है। इन एनआईटी के काम को DIG रैंक का अफसर निगरानी करेगा। ये अफसर मणिपुर के बाहर के होंगे और DIG रैंक का एक अफसर छह एसआईटी टीम की निगरानी करेगा। इन SIT की जिले के आधार पर नियुक्ति होगी।
फौजियों का आई-कार्ड चेक कर रहीं मैतेई महिलाएं
उधर, मणिपुर की राजधानी इंफाल में आने वाले सभी रास्तों को मैतेई महिलाओं के संगठन मेइरा पाइबी ने रोक दिया है। हर रास्ते की एंट्री पर इन्होंने चेक पॉइंट बनाए हैं। ये महिलाएं सेना और केंद्रीय सुरक्षा बलों की गाड़ियों को रोककर फौजियों के आई-कार्ड चेक कर रही हैं। इंफाल में करीब 500 महिलाओं की भीड़ ने कॉर्प्स ऑफ मिलिट्री पुलिस (CMP) के काफिले को रोक दिया। उनका आरोप था कि काफिले में कुकी समुदाय के फौजी हैं। महिलाओं ने जवानों के नाम और राज्य पूछकर उनसे आधार कार्ड की मांग की। सैन्य अधिकारियों ने आपत्ति भी जताई, लेकिन विरोध के बाद काफिले को लौटना पड़ा।