E VEHICLE EXPO 2023: इलेक्ट्रिक वाहनों के शौकीन हैं तो IIA के इस एक्सपो मेंं जरूर आएं
02 से चार मार्च तक आईआईए भवन में होगा सोलर एनर्जी एवं ई-व्हीकल एक्सपो, कई कंपनियों ने लगाए अपने स्टॉल
• आईआईए भवन में 70 कम्पनियां प्रदर्शित करेंगीं अपने उत्पाद
• दो मार्च को उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं मंत्री दया शंकर सिंह करेंगे उद्घाटन
• तीन मार्च को सोलर एवं ई-व्हीकल सेमिनार समारोह में पहुंचेगे मंत्री कपिल देव अग्रवाल और अरुण कुमार सक्सेना
• चार मार्च यानी समापन समारोह में औद्योगिक मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी और एमएसएमई मंत्री राकेश सचान करेंगे शिरकत
लखनऊ: इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और यूपीनेडा के संयुक्त तत्वाधान में 02 से 04 मार्च तक आईआईए भवन में सोलर एनर्जी एवं ई-व्हीकल एक्सपो का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में 75 कम्पनियां अपने उत्पाद एवं सेवाएं प्रदर्शित करेंगीं। इनमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तराखंड, बिहार, तेलंगाना, कर्नाटक, दमन और दीव, पंजाब एवं तमिलनाडु की कंपनियां शामिल हैं।
जिसकी जानकारियां आईआईए भवन में आयोजित ‘सोलर एवं ई-व्हीकल एक्सपो प्रेस मीट’ में राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने साझा की हैं। इस प्रेस मीट में आईआईए के महासचिव दिनेश गोयल, सीनियर वाइस प्रेसिडेट नीरज सिंघल और तारिक हसन नकवी (चेयरमैन सब्जेक्ट कमेटी- सोलर एवं ई व्हीकल) भी मौजूद रहे।
14 राज्यों की 75 कंपनियों के लगेंगे 125 स्टाल
सोलर एनर्जी एवं ई-व्हीकल एक्सपो के उद्देश्य पर बात करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन प्रयासों में जुटे हुए हैं कि कैसे डीजल और पेट्रोल पर बढ़ती निर्भरता को कम किया जाए। आईआईए भी लगातार दस सालों से सरकार के प्रयासों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहा है।
उन्होंने बताया, सोलर एक्सपो का यह 9वां संस्करण है जबकि ई-व्हीकल एक्सपो का तीसरा संस्करण आयोजित होने जा रहा है। इस आयोजन में प्रतिभाग करने वाली कम्पनियों के साथ-साथ उद्यमियों को भी हम यह बतायेंगे कि सोलर के क्षेत्र में काम करने वालों को सरकार की तरफ से कौन-कौनसी योजनाएं मिल रही हैं। हम सभी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी जागरूक करेंगे।
आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने बताया कि इस बार 14 राज्यों की 75 कंपनियों के 125 स्टाल लगाए जायेंगे। पिछली बार तक सरकार ने उद्योगों को नेट मीटरिंग की सुविधा नहीं दी थी। इस बार उद्योगों को यह सुविधा मिल चुकी है और इसके साथ काफी उद्योग सोलर पर कन्वर्ट हो रहे हैं। कम्पनियां चाहती हैं कि एमएसएमई की छोटी और बड़ी फैक्ट्रियों में सोलर पैनल लगाए जाएं। इससे उद्योगों को कम कीमत पर बिजली भी मुहैया होगी और सोलर को बढ़ावा भी मिलेगा।
सरकार भी इस दिशा में सकारात्मक सोच के साटन आगे बढ़ रही है। हम सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और जहां कहीं भी कमियां नज़र आ रही हैं, उसे चिन्हित करके अधिकारियों तक पहुंचा रहे हैं। इस सरकार में अच्छी बात यह है कि हमारा सीधा संवाद हो रहा है जिससे खामियों को दूर करने में ज्यादा समय नहीं लग रहा है।
जीआईएस में भी रहा है सोलर एनर्जी एवं ई-व्हीकल का दबदबा: नीरज सिंघल
आईआईए के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नीरज सिंघल ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का जिक्र करते हुए बताया कि ई व्हीकल और सोलर, दोनों में ही काफी निवेश आया है। उत्तर प्रदेश में 34।50 लाख करोड़ की इन्वेस्टमेंट आई है जिसमें 15 प्रतिशत (लगभग 5 लाख दस हज़ार करोड़ के आस-पास) की इन्वेस्टमेंट सोलर सेक्टर में आई है। कहीं न कहीं ये हमें उत्साहित करता है।
लघु उद्योगों के लिए सोलर की तरफ बढ़ने का यह एक स्वर्णिम अवसर है। मैन्युफैक्चरिंग में भी बढ़ने का यही सही समय है। अगर ई-व्हीकल की बात की जाए तो इसमें भी मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में आपार संभावनाएं हैं। जब भी बड़ी कम्पनियां आती हैं तो छोटे उद्योगों के लिए अवसर बढ़ जाते हैं। मैन्युफैक्चरिंग में छोटे-छोटे पार्ट्स बनाने में भी काफी फायदा होता है और इससे रोज़गार के नए अवसर भी पैदा होते हैं।
नीरज सिंघल ने यह भी बताया कि सोलर और ई-व्हीकल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए सरकार भी कई लक्ष्यों को लेकर चल रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में भारत ने 2070 तक नेट-जीरो के लक्ष्य को हासिल करने की योजना बनाई है। पीएम मोदी के कांसेप्ट के तहत हमें 2030 तक फॉसिल फ्यूल को कमसेकम इस्तेमाल में लाने की तरफ बढ़ना है। सोलर और ई-व्हीकल, इन्हीं प्रयासों का हिस्सा है। जल्द ही हमारा देश पीएम मोदी के नेतृत्व में इस लक्ष्य को हासिल कर लेगा।
भारत की जरूरत है वैकल्पिक ऊर्जा: दिनेश गोयल
आईआईए के महासचिव दिनेश गोयल ने सोलर और ई-व्हीकल एक्सपो को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज वैकल्पिक ऊर्जा भारत की जरूरत है। वैकल्पिक ऊर्जा से हमारी जीडीपी को सीधा फायदा पहुंचेगा। जब हम जीडीपी कैलकुलेशन करते हैं तो नेट ट्रैड पर ध्यान देते हैं। अगर हम वैकल्पिक ऊर्जा को इस्तेमाल में लाते हैं तो क्रूड आयल का इम्पोर्ट कम होगा। इसके साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से ही भी यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
नई पीढ़ी को एक बेहतर पर्यावरण देने के लिए जरूरी है कि हम सोलर एनर्जी को अपनाएं और ई-व्हीकल को प्रमोट करें। सोलर को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी समय-समय पर सार्थक प्रयास कर रही है। इंडस्ट्री के लिहाज से भी यह काफी महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार भी वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए काफी सजग है।
ई-व्हीकल के लिए लाई गई नई पालिसी है मुख्य आकर्षण का केंद्र: तारिक हसन नकवी
सोलर एवं ई-व्हीकल एक्सपो के चेयरमैन तारिक हसन नकवी ने बताया है कि इस बार मुख्य आकर्षण का केंद्र है सरकार की नई पालिसी। सभी का यह कहना है कि अगर पर्यावरण को संरक्षित करना है और प्रदूषण को कम करना है तो ई-व्हीकल के इस्तमाल को बढ़ाना होगा। राज्य सरकार ने ई-व्हीकल के रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन को फ्री कर दिया है। इन्वेस्ट यूपी ने इस पालिसी को पांच साल तक लागू भी कर दिया है। हम भी इस नई पालिसी से काफी उत्सुक हैं।
सोलर के लिए भी सरकार ने नई पालिसी को प्रस्तुत कर दिया है। सरकार ने नेट फीडिंग लागू कर दी है। इसका सीधा से यह मतलब है कि जितनी बिजली हम बनाएंगे, उतनी इस्तेमाल कर लेंगे और अगर बच गई तो वो ग्रिड पर चली जाएगी। हम सरकार से डीमांड कर रहे हैं कि एमएसएमई के लिए भी नेट मीटरिंग शुरू कर दी जाये। इन्हीं तमाम मुद्दों को हम अपने इस एक्सपो में सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के बीच रखेंगे।
एक छत के नीचे आएं ज्यादा से ज्यादा निर्माता, यही है हमारा लक्ष्य: अलकेश सोती
अलकेश सोती, कन्वेनर सोलर एक्सपो, ने बताया है कि हमारा लक्ष्य यह रहता है कि ज्यादा से ज्यादा निर्माताओं को एक छत ने नीचे लाकर एक दूसरे से उनका इंटरेक्शन करवाएं। इससे यह भी जानकारियां मिलती हैं कि कहां-कहां पर किन-किन तकनीकों के आधार पर क्या-क्या काम हो रहा है। हमारे पिछले सभी संस्करण सफल हुए हैं और इस बार भी हमारी यही कोशिश है। इस आयोजन में प्रवेश नि:शुल्क है। सोलर एनर्जी और ई-व्हीकल करीदने और व्यवसाय स्थापित करने का यह एक सुनहरा अवसर भी रहेगा।