नई दिल्ली: पीएम मोदी ने कहा कि, वैश्विक अनिश्चितता के बीच बनने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को तालमेल के साथ काम करने के अलावा लीक से अलग हटकर सोचने की जरूरत है।
नीति आयोग में अगले वित्त वर्ष के बजट से पहले जाने-माने अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ बातचीत में उन्होंने डिजिटल क्षेत्र में भारत की सफलता की सराहना की। हमने तेजी से वित्तीय प्रौद्योगिकी को अपनाया। वित्तीय समावेशन पर जोर दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि, पीएम और अर्थशास्त्रियों के बीच विचार-विमर्श ‘वैश्विक बाधाओं के बीच भारत का विकास एवं मजबूती’ विषय पर आधारित था।
NCP सांसद मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता रद्द, 10 साल की हुई सजा
आम बजट से पहले अर्थशास्त्रियों से प्रधानमंत्री की इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी ने अपनी टिप्पणी में वैश्विक बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा कि, इसमें काफी जोखिम भी है। लेकिन, उभरता वैश्विक वातावरण डिजिटलीकरण, ऊर्जा और स्वास्थ्य देखभाल के साथ कृषि जैसे क्षेत्रों में नए एवं विविध अवसर देता है।
इतना ही नहीं पीएम ने अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज के वर्ष का उल्लेख किया, और कहा कि, ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को बदलने की मोटे अनाज की क्षमता के मद्देनजर इसे बढ़ावा देने की जरूरत है। मोटे अनाज में प्राकृतिक खेती के लिए अनुकूल और पोषण के किफायती स्रोत जैसे गुण होते हैं।