हल्द्वानी : रेलवे की जमीन खाली कराने को लेकर गरमाया विवाद, मायावती ने मुस्लिमों को लेकर दिया ये बयान
हल्द्वानी : उत्तराखंड के जिला हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर बसी वनभूलपुरा बस्ती को खाली कराए जाने को लेकर जारी किये गये फरमान पर लोगों का गुस्सा फूटा है। इसको लेकर लोगों ने अनशन और अपील का दौरा शुरू किया है। गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई भी की गई हैं। वही अब यहाँ मामला राजनीतिक शक्ल लेता हुआ भी नजर आ रहा है। जिसके साथ ही इस मामले पर बोलते हुए बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा है कि, सरकार का काम लोगों को बसाना है, नाकि उनका घर उजाड़ना।
सरकार का काम लोगों को बसाना : मायावती
बसपा सुप्रीमो ने इस मामले को अमानवीय करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट में लिखा- उत्तराखंड स्टेट के हल्द्वानी में बर्फीले मौसम में ही अतिक्रमण हटाने के नाम पर हजारों गरीब व मुस्लिम परिवारों को उजाड़ने का अमानवीय कार्य अति-दुखद है। सरकार का काम लोगों को बसाना है, न कि उजाड़ना। सरकार इस मामले में जरूर सकारात्मक कदम उठाए, बीएसपी की यह मांग है।
पूर्व सीएम हरीश रावत में रखा एक घंटे का मौन व्रत
रेलवे जमीन पर बसी बस्ती को खाली कराने वाले सरकार के फैसले का विरोध करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने बीते बुधवार को अपने आवास पर एक घंटे का मौन व्रत भी रखा। इसके साथ हरीश रावत ने मौजूदा सरकार से मानवीय समाधान निकालने की अपील भी की है। हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने , ”मौन उपवास के दौरान देवी-देवताओं से सरकार को इंसानियत के रास्ता दिखाने की प्रार्थना की है। हल्द्वानी में छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं को भी बेघर किया जा रहा है। कहा, उत्तराखंड में देवी देवताओं का वास है, इसलिए यहां ऐसी अमानवीय कार्रवाई नहीं हो।”