जबरन धर्मांतरण को लेकर सख्त हुई उत्तराखंड सरकार, धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक लगी मुहर,
देहरादून : जबरन धर्मांतरण को लेकर उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कठोर कानून लागू किया है। जिसके चलते राजभवन में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक पर मुहर लगने के बाद संशोधित अधिनियम की राह साफ हो गई। इस कानून के लागू होने के साथ ही अब सामूहिक मतांतरण के मामलों में 10 साल तक कारावास के साथ अधिकतम 50 हजार जुर्माना राशि का प्रविधान किया गया है। जबरन मतांतरण अब गैर जमानती अपराध होगा। वहीं मतांतरण के पीडि़त को समुचित प्रतिकर के रूप में पांच लाख रुपये की राशि न्यायालय के माध्यम से दिलाई जा सकेगी।
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सजा और कारावास, दोनों में वृद्धि की गई
उत्तराखंड सरकार ने धर्मांतरण को लेकर लागू कानून को अब और भी ज्यादा सख्त कर दिया गया है। कानून का उल्लंघन करने पर सजा और कारावास, दोनों में वृद्धि की गई है। यह संशोधन सामूहिक मत परिवर्तन के मामले में किया गया है। इसके साथ ही दो या दो से ज्यादा मत परिवर्तन को सामूहिक मत परिवर्तन की श्रेणी में रखा गया है।सामूहिक मत परिवर्तन में कारावास की अवधि तीन वर्ष से कम नहीं होगी। यह अधिकतम 10 वर्ष तक हो सकेगी। पहले जुर्माना राशि 25 हजार रुपये तय थी। इसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है।