
फतेहपुर: वायरल पत्र पर डीएम की सफाई, कहा- मेरी कोई निजी गाय नहीं, अधिकारियों पर गिरी गाज
अपूर्वा दुबे ने मामले पर बताया कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है। साथ ही उनके परिवार में एक भी
फतेहपुर: जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे की गाय के लिए नौ डॉक्टर्स की फौज लगाने वाले प्रभारी सीवीओ संदीप कुमार और सीवीओ आरडी अहिरवार के खिलाफ कठोर एक्शन लिया गया है। रविवार को वायरल हुए पत्र के बाद डीएम ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि उनके पास, और परिवार में कोई गाय नहीं है। ऐसे में यह उनके खिलाफ षड्यंत्र है। जिन्होंने भी यह किया है उन दोनों डॉक्टर को सस्पेंड करने और विभागीय कार्यवाही के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जा रहा है।
डीएम अपूर्वा दुबे ने मामले पर बताया कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है। साथ ही उनके परिवार में एक भी गाय नहीं है। ट्विटर के जरिए जो पत्र वायरल हुआ है वह विकृत मानसिकता का प्रतीक है। उनकी छवि को धूमिल करने के लिए यह सब किया गया है। जिले में कई पशु चिकित्सक बेहतर काम कर रहे हैं, लेकिन मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यों में रूचि नहीं ले रहे हैं। साथ ही संवेदनहीनता बरती जा रही है। ऐसे में शासन की मंशा को बड़ा नुकसान हो रहा है। इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए उच्च अधिकारियों से संस्तुति की गई है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा पत्र
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें जिलाधिकारी की गाय के उपचार के लिए सात डॉक्टर की फौज और निगरानी के लिए दो डॉक्टर को लगाया गया था। जिसमें प्रतिदिन सुबह से शाम तक एक डॉक्टर डीएम की गाय का उपचार करेंगे। प्रभारी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एसके तिवारी के नाम से जारी पत्र में इस बात का भी साफ उल्लेख हुआ कि लापरवाही करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्यवाई होगी। जबकि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आरडी अहिरवार अवकाश में हैं। उल्लेखनीय है कि यह पत्र 9 जून को जारी किया गया, जबकि 12 जून को यह वायरल हुआ। इसके बाद तरह तरह की चर्चाएं होने लगीं थीं।
जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे ने अपने कार्यकाल के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी किसी डॉक्टर की नियुक्ति या ट्रांसफर के लिए नहीं कहा। न ही उन्होंने अधिकारियों पर कोई जोर जबरदस्ती की, लेकिन इसके बाद भी ऐसा पत्र जारी कर उनका नाम और छवि खराब करने का प्रयत्न किया गया। डीएम ने कहा कि गर्मी के मौसम को देखते हुए वह खुद गौशालाओं का निरीक्षण कर रही हैं। निराश्रित पशुओं को कोई दिक्क़त न हो, इसके लिए विकास भवन में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।