TrendingUttar Pradesh

यूपी में खोजे जाएंगे 6.25 लाख टीबी मरीज

शीघ्र पहचान के साथ शत-प्रतिशत नोटिफिकेशन का बढ़ाया गया लक्ष्य

लखनऊ को सर्वाधिक 26230, कानपुर नगर को 25933 नोटिफिकेशन का लक्ष्य

लखनऊ: सघन पर्यवेक्षण के साथ छूटे हुए क्षय रोगियों की समय से जांच और उपचार के लिए जरूरी है कि उनका शीघ्र पंजीकरण किया जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल (2023) प्रदेश में 6,25,017 टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें 400717 नोटिफिकेशन सरकारी क्षेत्र से तो 224300 प्राइवेट क्षेत्र से टीबी मरीजों को नोटिफाई करने का लक्ष्य तय किया गया है। पिछले साल 5.50 लाख नोटिफिकेशन के लक्ष्य के सापेक्ष 5.22 लाख टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन कर प्रदेश ने कीर्तिमान स्थापित किया था।

बीते दिनों हुई बैठक में लिया गया है निर्णय

प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा यू की अध्यक्षता में गत दिनों हुई बैठक में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दिए गए निर्देशों के क्रम में यह लक्ष्य निर्धारित किये गए। इसमें लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि, निजी चिकित्सकों द्वारा निक्षय पोर्टल पर निजी क्षेत्र के मरीजों का पंजीकरण, जनसंख्या, सम्बन्धित जनपद से सटे हुए जिलों द्वारा नोटिफिकेशन और अन्य एपीडिमियोलाजिकल तथ्यों को ध्यान में रखते हुए इस लक्ष्य को निर्धारित किया गया है। प्रदेश के सभी जिलों के लिए पब्लिक और प्राइवेट नोटिफिकेशन का अलग-अलग लक्ष्य तय किया गया है। निर्धारित लक्ष्य का पत्र मिशन निदेशक की ओर से प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजे गए हैं।

पत्र के मुताबिक़ राजधानी लखनऊ को प्रदेश में सर्वाधिक 26230 टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन का लक्ष्य दिया गया है। इसमें पब्लिक सेक्टर से 14330 और प्राइवेट सेक्टर से 11900 टीबी मरीजों को इस साल नोटिफाई किया जाना है। इसी तरह कानपुर नगर को 25933, आगरा को 25730, प्रयागराज को 19400, गाजियाबाद को 17738, बरेली को 17332 और वाराणसी को 17250 टीबी मरीजों को इस साल नोटिफाई करने का लक्ष्य तय किया गया है।

मरीज की पहचान जरूरी, सुविधाएं उपलब्ध कराना हो जाएगा आसान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि यदि एक बार टीबी मरीज की पहचान सुनिश्चित हो जाए तो उसका पूर्ण उपचार और अन्य सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराना बेहद आसान हो जाता है। पहचान में देरी से इलाज कठिन हो जाता है। इसीलिए समुदाय में क्षय रोगियों की शीघ्र पहचान के साथ शत-प्रतिशत नोटिफिकेशन पर पूरा जोर दिया जा रहा है। प्राइवेट सेक्टर से भी अपील है कि टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन में पूर्ण सहयोग करें ताकि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार किया जा सके। ज्ञात हो कि इस साल जनवरी से अप्रैल तक करीब 1.89 लाख क्षय रोगी निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत किये जा चुके हैं।

Follow Us
Show More

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: