
दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों का 5 महीने का बकाया वेतन उन्हें दिया गया
इस साल करीब 400 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जिसे कोरोना की स्थिति को देखते हुए नगर निगम की उपलब्धि माना गया है। इस पूरी राशि को निगम ने वेतन में दे दिया है।
नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मियों पर इस सावन में राहत की बारिश हुई है। चार साल बाद यह पहला मौका है, जब 57,000 उत्तरी निगम कर्मचारियों का एक महीने का भी वेतन बकाया नहीं है। कर्मचारियों के साथ उत्तरी निगम अधिकारियों का भी पांच महीने का वेतन बकाया रहता था।
293 करोड़ रुपये हर माह उत्तरी निगम, वेतन पर खर्च करता है। इस साल करीब 400 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जिसे कोरोना की स्थिति को देखते हुए नगर निगम की उपलब्धि माना गया है। इस पूरी राशि को निगम ने वेतन में दे दिया है। हाल ही में 293 करोड़ रुपये का अनुदान दिल्ली सरकार से भी मिला, जिससे एमसीडी का वेतन चुकाने में मदद मिली। 2017 से निगम खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रही हैं। 2017 में वेतन भुगतान में दो से तीन माह की देरी हुई थी, जो 2018, 2019 और 2020 में बढ़कर पांच माह हो गई।
इसे लेकर निगमों को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कई बार फटकार लगाई है। समय-समय पर दिल्ली सरकार को भी अनुदान जारी करने के आदेश दिए हैं। बकाया वेतन को लेकर निगम कर्मचारी चार सालों से आंदोलनरत थे।
कंफेडरेशन आफ एमसीडी एम्पलाइज यूनियन के संयोजक एपी खान ने कहा कि वेतन को लेकर यूनियन तीन बार हड़ताल कर चुकी है। 100 से ज्यादा पत्र लिखे जा चुके हैं। अब वेतन को लेकर स्थिति बेहतर हुई है। हमारी मांग है कि समय से वेतन मिलना बरकरार रहे। इसी वर्ष जनवरी में हड़ताल की थी। जिससे सड़को पर कूड़े के ढेर लग गए थे।
जोगीराम जैन के अनुसार, इस साल संपत्ति कर विभाग ने लगभग 400 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया। कोरोना संकट होने के बावजूद निगम बीते साल की तुलना में 90 करोड़ का कर इकट्ठा कर चुकी है। जिससे बकाया वेतन चुकाने में मदद मिली। कर्मचारियों का अब वेतन बकाया नहीं है।
संजय गोयल का कहना है कि मार्च में मैंने संपत्ति कर से राजस्व को बढ़ाने पर जोर दिया था। बीते वर्षो से अधिक संपत्ति कर हमने पहली तिमाही में ही वसूल किया है। इस वर्ष दिसंबर तकपुनर्विकास परियोजनाओं के जरिए 750 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने की योजना है। राजस्व के सभी स्नोतों को हम मजबूत कर रहे हैं।
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