सियासत और चुनावी माहौल के बीच आया परिवार, बहनों ने कहा मां अनपढ़ थी इसलिए छोड़ दिया
बिहार में चुनाव की टिकटें साफ होते ही दल बदल का खेल शुरू हो गया है। चुनावी माहौल के समय सभी राजनीतिक पार्टियां अपना दम दिखाने में लगी हैं, लेकिन इस बीच चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने नीतीश कुमार से अपना नाता तोड़ लिया है। अब LJP, BJP के साथ मिल चुनाव लड़ रही है।
बिहार के चुनाव में दो मुद्दों पर कई बार सवाल उठे हैं। पहला तो बॉलीवुड के सूत्रों से पता ही चल गया होगा और दूसरा चिराग पासवान का परिवार लगातार चर्चाओं में बना हुआ है।
बात चिराग के परिवार की करें तो चिराग की तीन बहनें है एक सगी दो सौतेली जिनके नाम आशा और उषा हैं। बता दें कि बहन आशा अपने पिता के खिलाफ सार्वजनिक मंच से अपने ही पिता के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी हैं।
बात अगर पिता और बेटे के बीच के रिश्ते की करें तो चिराग के पिता यानी राम विलास ने 2 शादियां की हैं। पहली शादी 1960 में राजकुमारी देवी के साथ हुई 1981 में पहली पत्नी से तलाक लेने के बाद 1983 में पासवान ने रीना शर्मा से शादी की।
पहली पत्नी से उन्हें 2 बेटियां आशा और उषा हुईं। आशा और उनके पति के संबंध चिराग पासवान से मधुर नहीं हैं।
रिश्तों के बीच खटास की वजह यह भी हो सकती है की उनकी बेटी आशा का कहना है की उनके पिता ने मां यानी कि राम विलास पासवान की पहली पत्नी को इसलिए छोड़ा क्योंकि वे अनपढ़ थीं।
आशा एक बार लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के कार्यालय के पास ही धरना देने बैठ गई थीं। दरअसल वे इस धरने पर अपने पिता से मांफी मांगने के लिए बैठी थीं। वे इस वजह स3 नाराज थीं क्योंकि उनके पिता ने राबड़ी देवी को अंगूठा छाप कह दिया था।
फिलहाल इस सितयात में अब आशा के पति साधू पासवान ने राजद का दामन थाम लिया है। उनका कहना है कि रामविलास पासवान अपने बच्चों में भेदभाव करते हैं।
वहीं साधू ने यहां तक कहा कि राम विलास पासवान ने चिराग पासवान को अच्छी जगह पढ़ाया लिखाया। जबकि बेटियों को उन्होंने गांव में रखा। राम विलास पासवान में बेटियों को वो प्यार नहीं दिया जिनकी वो हकदार थीं।