शहर की सूरत बदल देगी रेलवे की खाली जमीन
छह जोन में बांटकर किया जाएगा विकसित, देश-विदेश में बनेगा मिसाल
-शाहदाना की खाली जमीन पर मॉल व जरी का इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर
-बाकी इलाका बटेंगा पांच जोन में, हर जोन की होगी अपनी खासियत
-बरेली के आर्किटेक्ट सुमित अग्रवाल ने आएलडीए को भेजे अपने सुझाव
बरेली। बरेली में बरसों से खाली पड़ी रेलवे की जमीन अब शहर की सूरत बदलने का काम करेगी। रेलवे इसे छह हिस्सों में बांटकर विकसित करेगा। यहां जरी के इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर से लेकर लोकल मार्केट तक सबकुछ होगा। शहर के आर्किटेक्ट सुमित अग्रवाल ने शनिवार को आएलएडीए को अपने सुझाव भेज दिए। अच्छी बात यह है कि रेलवे ने उद्यमियों से इसके लिए बिड भी मांग ली है।
बरसों की कवायद के बाद रेलवे शाहदाना से लेकर इज्जतनगर तक खाली पड़ी जमीन को 45 साल की लीज पर देने जा रहा है। बरेली के अलावा लखनऊ और झांसी में इस पर काम शुरू हुआ है। रेलवे ने तीनों जिलों में आर्किटेक्टों से खाली जमीन को विकसित करने के लिए सुझाव मांगे थे। बरेली में यह काम आर्किटेक्ट सुमित अग्रवाल को दिया गया था। आरएलडीए के अफसरों से कई चरण की बातचीत के बाद उन्होंने शनिवार की शाम अपने सुझाव दिल्ली भेज दिए।
खाली जमीन पर कुछ ऐसे बसेगा नया शहर
शाहदाना ग्राउंड: इस मैदान पर बहुमंजिला ईमारत प्रस्तावित की गई है। जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर शॉपिंग मॉल समेत तमाम दूसरी चीजें होंगी और ऊपर की मंजिलें पूरी तरह जरी जरदोजी को समर्पित होगी। यहां जरी का ट्रेनिंग सेंटर, प्रदर्शनी स्थल, एक्सपोर्ट हाउस, जरी कारीगरों का बैंक, करेंसी एक्सचेंज सेंटर समेत तमाम सुविधाएं होंगी। ऐसा होने पर जिले भर के जरी कारीगरों को एक ही मंच पर सभी चीजें मिल जाएंगी। स्मार्ट सिटी में बरेली को जरी नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। ऐसे में शाहदाना की जगह इस काम के लिए मुफीद है।
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जोन 1- इसमें शाहदाना के मैदान से मॉडल टाउन की पहली सड़क तक के इलाके को रखा गया है। यहां सड़क के दोनों तरफ शॉपिंग प्लाजा बनेंगे।
जोन 2-इसमें मॉडल टाउन की पहली सड़क से दूसरी सड़क तक का इलाका रखा गया है। वहां शॉपिंग प्लाजा के साथ-साथ वॉकिंग प्लाजा बनाने का प्रस्ताव है।
जोन 3-मॉडल टाउन की सड़क से प्रेमनगर धर्मकाटा वाली रोड तक के इस इलाके में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा की कला स संस्कृति पर आधारित शॉपिंग एरिया व फूड पार्लर बनेंगे।
जोन4-प्रेमनगर धर्मकाटा से गांधीनगर रोड तक के इलाके में कलाकारों के लिए नए ऑडिटोरियम, ओपन एयर थिएटर और ओपन रेस्टोरेंट बनाने का प्रस्ताव दिया गया है।
जोन 5-इस इलाके में शहर के सभी ठेले और फड़ वालों को बसाया जाएगा। इसका नाम स्ट्रीट वेंडिंग जोन रखा गया है। सड़कों के किनारे कारोबार कर रहे फड़ वालों को यहां अलग बाजार बनाकर दिया जाएगा।
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पार्ट बी के लिए आरएलडीए ने मांगी बिड
सुमित ने शाहदाना ग्राउंड को पार्ट ए और बाकी इलाके को पार्ट बी में रखकर योजना तैयार की है। रेलवे ने पार्ट बी को विकसित करने के लिए बिड मांग ली है। इस जमीन को बरेली के साथ-साथ देश का कोई भी उद्यमी लीज पर ले सकता है। शहर के प्रमुख कारोबियों के साथ इस बारे में बातचीत करने के अगले महीने आरएलडीए की टीम बरेली आ रही है। टीम उद्यमियों के साथ ही नगर निगम, बीडीए और प्रशासन के अफसरों के साथ भी विचार विमर्श करेगी।
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सुमित अग्रवाल की बात
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आरएलडीए को शाहदाना ग्राउंड व 4 किलोमीटर लंबी लाइन के दोनों तरफ की जमीन को विकसित करने के सुझाव भेज दिए गए हैं। आरएलडीए ने पार्ट बी के लिए बिड भी मांग ली है। अगले महीने टीम बरेली आ रही है, उसमें तमाम चीजें फाइनल हो जाएंगी। सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ तो बरेली का नक्शा बदल जाएगा। शहर को नया टूरिस्ट स्पॉट मिलेगा साथ ही रोजगार के हजारों नए अवसर पैदा होंगे।
—सुमित अग्रवाल, आर्किटेक्ट
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स्मार्ट सिटी में जरी-जरदोजी का प्रोजेक्ट सबसे अहम है। शाहदाना का मैदान जरी के इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर के लिए सबसे मुफीद रहेगा। नगर निगम इस पर पूरी संजीदगी के साथ काम करेगा। इस मुद्दे पर रेलवे, नगर निगम, बीडीए और प्रशासन के अफसर एक साथ बैठकर मंथन करेंगे। प्रदेश और केन्द्र सरकार में पैरवी करके इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा कराया जाएगा। अच्छी बात यह है कि यह प्रोजेक्ट बाहर के लोगों को बरेली में निवेश का मौका देगा और यहां रोजगार के द्वार खोलेगा।
—उमेश गौतम, मेयर
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शाहदाना में जरी का ट्रेंड सेंटर खोले जाने के प्रस्ताव का मैं स्वागत करता हूं। जरी कारीगरों को एक छत के नीचे सारी सुविधाएं मिलने से उनकी जिंदगी में निश्चित तौर पर बड़ा बदलाव आएगा। मैं पहले से इस मुहिम में जुटा हूं। जरी इंडिया में अब तक पांच लाख कारीगर रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। यह प्रोजेक्ट कारीगरों के लिए किसी बड़े गिफ्ट से कम नहीं होगा। मैं इस प्रोजेक्ट में हर सहयोग करने को तैयार हूं।
—हाजी शकील कुरैशी, संस्थापक जरी इंडिया लिमिटेड।