आपकी गाड़ी का बीमा फर्जी तो नहीं, करा लें चेक
आपकी गाड़ी का बीमा फर्जी तो नहीं, करा लें चेक
बरेली। कहीं आपकी गाड़ी का बीमा फर्जी तो नहीं है। चौकिएं मत। इस वक्त ऐसा ही हो रहा है। बीमा के नाम पर लोगों को फर्जी वाहन इंश्योरेंस पॉलिसी पकड़ाई जा रही है। लोगों को बड़ा झटका तब लग रहा है जब चेकिंग के वक्त उनकी गाड़ी का बीमा ही फर्जी निकलता है। देश भर में ऐसे मामले पकड़ में आने के बाद वाहन बीमा कंपनियों ने जागरूकता अभियान भी शुरू किया है।
वाहन बीमा के नाम पर भी लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। सबसे ज्यादा आनलाइन बीमा में हो रही है। इसमें भी सबसे ज्यादा मामले थर्ड पार्टी इंश्यूरेंस के निकल रहे हैं। पिछले वर्ष एसटीएफ ने लखनऊ और नोएडा में फर्जी वाहन करने वाले ठगों को पकड़ा भी था। इनके पास से फर्जी मोहरें और इंश्यूरेंस से जुड़े तमाम कागजात भी मिले थे। उसके बाद भी ऐसी ठगी पर कोई विशेष रोक नहीं लगी है। लोगों से पैसा लेकर उन्हें फर्जी बीमा पॉलिसी थमा दी जा रही है। तत्काल वेरीफिकेशन नहीं होने के कारण लोगों को इसका पता भी नहीं चल पाता है। लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए ठग आम बीमा कंपनियों की तुलना में कम दामों पर बीमा कर रहे हैं।
पॉलिसी का कर लें वेरिफिकेशन
अक्सर लोग कम पैसे में बीमा कराने के चक्कर में ठगी के शिकार हो जाते हैं। लोगों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर बीमा की सही जानकारी लेनी चाहिए। यदि कोई संदेह तो सीधे कंपनी के आफिस में भी संपर्क किया जा सकता है।
अधिकृत एजेंट से ही लें पालिसी
बीमा लेने में लोगों को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अधिकृत एजेंट और वेबसाइट से ही पॉलिसी लें। बीमा कराने के बाद उसको नंबर वेबसाइट पर डालकर भी चेक किया जा सकता है। कुछ कंपनियों ने तो अपने एप भी जारी कर दिए हैं।
पॉलिसी लें तो इसका रखें ख्याल
1- ऑनलाइन पालिसी लेते समय कम्पनी की अधिकृत वेबसाइट का ही प्रयोग करिये।
2- मिलते-जुलते नामों वाली वेबसाइट से पॉलिसी कभी ल लें।
3- कम्पनी के अधिकृत एजेंट से ही पॉलिसी लें।
4- मान्यता प्राप्त सरकारी और निजी कंपनियों से ही बीमा कराएं।
5- पॉलिसी के कवर नोट के साथ ही कम्पनी से जारी रसीद जरूर लें।
6- रसीद पर लिखे जीएसटी नम्बर से भी सत्यता परखी जा सकती।
7- टोल फ्री नम्बर पर कॉल करके अपनी पालिसी वेरीफाई कर लें।