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क्या है अमृत योजना? क्या है इस योजना का उद्देश्य ?

Amrit Yojana : भारत एक विकासशील देश है इसी वजह से भारत के कई शहरों के परिवारों के पास अभी भी बुनियादी सेवाएं नहीं है।छोटे शहरों एवं कस्बो में भी मूलभूत आवश्यकताओ से जुडी बहुत समस्याए है एवं उनके लिए कुछ खास प्रबँध नहीं हैं। जलापूर्ति, सीवरेज, शहरी परिवहन जैसे कई ऐसी सुविधाएं हैं जो कि शहर और गांव के कई लोगों के पास अभी भी उपलब्ध नहीं है ।

Amrit Yojana

जो चीज है हर किसी को मुहैया होनी चाहिए वह भारत में कई लोगों के पास नहीं है और इसी वजह से इन लोगों को इन सुविधाओं को मुहैया करवाने के लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नई योजना की शुरुआत की है। यह योजना मुख्य तौर पर हमारे शहरों और गांवों में रहने वाले उन लोगों और परिवारों को वह तमाम सुविधाएं मुहैया करवाएगी जो कि जीवन यापन के लिए हर किसी की प्रथम आवश्यकता है। यह योजना है अमृत योजना। आज हम आपको इस लेख में इस योजना के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।

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क्या है अमृत योजना?

भारत देश के वो परिवार के लिए जिनके पास साधारण सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है के लिए अमृत योजना का आरंभ किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत योजना का लांच जून 2015 में किया था। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य भारत के सभी शहरों में जलापूर्ति और सीवेज कनेक्शन मुहैया करवाना है। छोटे शहरों में बहुत सी ऐसी समस्याएं हैं जिनका कोई भी उपाय नहीं किया गया है जैसे कि–पेयजल, बिजली ,परिवहन, आदि। इन सभी समस्याओं के निराकरण के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने अमृत योजना की शुरुआत की है अमृत योजना से सरकार का अर्थ “अटल मिशन फॉर रिजूविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन” (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation) यानी की “अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन ” है।

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इस मिशन का सबसे पहला उद्देश्य जलापूर्ति है और उसके बाद सीवरेज है। इससे विशेषतया गरीबों और वंचितों सभी के जीवन स्तर में सुधार होगा ।अमृत योजना के लिए भारत की सरकार ने 5 वर्ष के लिए 5 हज़ार करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया है।अमृत मिशन में उन कस्बों या क्षेत्रों को चुना गया है जहां बुनियादी सुविधाएं जैसे- बिजली, पानी की सप्लाई, सीवर, कूड़ा प्रबंधन, वर्षा जल संचयन, ट्रांसपोर्ट, बच्चों के लिये पार्क आदि कमियों को पूरा किया जाएगा।क्या है योजना के उद्देश्य?


अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के मुख्य उद्देश्य कुछ इस प्रकार है-


1.इसका पहला उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक परिवार को निश्चित जलापूर्ति और सीवरेज कनेक्शन मुहैया करवाया जाए। ऐसा इसलिए कि जल खासतौर पर पेयजल हर किसी के पास नहीं होता है। अभी भी भारत देश में कई लोग ऐसे हैं जो कि दूषित जल पीकर अपनी गुजर-बसर कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर साफ सफाई आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है इसीलिए सीवरेज कनेक्शन होना भी सभी की प्रथम आवश्यकता है।

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2.हरित क्षेत्र और कई खुले मैदान(अर्थात पार्क या खेलकूद मैदान) विकसित करके शहरों की भव्यता में वृद्धि करना। शहरों में मात्र बड़ी बिल्डिंग ही आवश्यक नहीं होती है। पेड़ पौधे और वातावरण हर किसी के जीवन के लिए और जीवन का एक महत्वपूर्ण अंश होते हैं इसी वजह से हरित क्षेत्रों का विकास करना शहर को नई खुली हवा प्रदान करेगा।


3.गैर-मोटरीकृत परिवहन जैसे पैदल चलना और साईकिल से चलने वालों के लिए सुविधाओं का निर्माण करवाना अथवा सार्वजनिक परिवहन को अपनाकर प्रदूषण को कम करना। प्रदूषण की वजह से शहरों में सांस ले पाना भी मुश्किल हो गया है इसीलिए कई ऐसे उपाय किए जा रहे हैं कि प्रदूषण कम हो सके।

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यह योजना भी कुछ प्रमुख क्षेत्रों में काम करेगी। यह क्षेत्र इसलिए मुख्य तौर पर निर्धारित किए गए हैं ताकि कार्यकलाप आसानी से हो सके। इसके मुख्य क्षेत्र इस प्रकार है–
1.जलापूर्ति करवाना ।
सभी वासियों को पेयजल एवं सुविधाजनक जल प्राप्त करवाना।
2.सीवरेज सुविधाएँ और सेप्टेज प्रबंधन।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए बीमारियों से दूर रहना आवश्यक है और इसीलिए सीवरेज सुविधाएं और सेप्टिक टैंक्स उपलब्ध करवाना।
3.बाढ़ को कम करने के लिए वर्षा जल नाले।
कई जगहों पर अधिक वर्षा होने की वजह से बाढ़ आ जाती है इसीलिए वर्षा जल नाले बनवाए जाएंगे।
4.पैदल मार्ग, गैर-मोटरीकृत और सार्वजनिक परिवहन सुविधाएँ, पार्किंग स्थल।
लोगों को असुविधा से बचाने के लिए और पर्यावरण के लिए खास तौर पर पैदल मार्ग और पार्किंग स्थल बनवाए जाएंगे।

  1. बच्चों के लिए हरित स्थलों और पार्कों और मनोरंजन केन्द्रों का निर्माण और उन्नयन करके शहरों की भव्यता बढ़ाना।
    शहरों में निर्माण होने की वजह से आबो हवा में प्रदूषण फैल गया है और बच्चों को उचित खेलकूद का स्थान प्राप्त नहीं हो पाता है इसीलिए बच्चों के लिए खास तौर पर पार्क और हरित स्थलों का निर्माण किया जाएगा।

कहां होगा काम?


अमृत योजना के अंतर्गत पांच सौ शहरों को इसमें शामिल किया जायेगा। शहरों की सूची की अधिसूचना उपयुक्त समय पर सभी को दी जाएगी| शहरों की श्रेणी जिन्हें अमृत में शामिल किया जायेगा निम्लिखित हैं –

1.छावनी बोर्ड सहित अधिसूचित नगरपालिकाओं सहित एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले सभी शहर और कस्बे इस योजना में आयेंगे

  1. हृदय स्कीम के अंतर्गत शहरी विकास मंत्रालय के द्वारा विरासत शहरों के रूप में वर्गीकृत सभी शहर/कस्बे भी इसी योजना का हिस्सा होंगे।
    3.75000 से अधिक और 1 लाख से कम जनसंख्या वाले 13 शहरों और कस्बे भी इसी में आयेंगे खासतौर पर जो मुख्य नदियों के किनारे पर हैं।
    4.पर्वतीय राज्यों, द्वीप समूहों और पर्यटन स्थलों वाले प्रत्येक राज्यसे दस शहर इस योजना में लिए जाएंगे।

कितना हुआ काम?

सरकार ने जून 2015 और दिसंबर 2019 के बीच 46 फीसदी वाटर कनेक्शन और 28.3 फीसदी सीवर कनेक्शन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच साल भारत में 7195 करोड़ रुपये की वैल्यू वाले सिर्फ 2316 प्रोजेक्ट ही पूरे हुए हैं। यह दी गई रकम के कुल खर्च का 9.2 फीसदी है।

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इसी के साथ कई ऐसे अखबार है जिसमें अमृत मिशन की कमियों को दर्शाया गया है। काम में हुई लेटलतीफी भी इस मिशन को और खोखला बना रही है। फिलहाल तो मंत्रालय ने योजना के क्रियान्वयन के लिए और 2 सालों का समय मांगा है।

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