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जानें कितना खतरनाक है कोरोना का नया स्ट्रेन, ये हैं लक्षण 

देशभर में कोरोना कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है।  अभी कुछ माह पहले से कोरोना थम रहा था लेकिन अभी हाल ही में इसके केस बढ़ते जा रहे हैं। तकरीबन कोरोना महामारी को देश में आये 1 साल से अधिक होने वाला है। कोरोना के नए स्ट्रेन ने एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है।

भारत में कोविड से स्वस्थ होने की दर अब बढ़कर 97.24 फीसदी हो गई है। अब तक देश में एक करोड़ सात लाख से अधिक लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं। यहां ब्रिटेन से लौटे कई लोग वायरस के नए स्ट्रेन से संक्रमित पाए गए हैं। एम्स के डॉ. रणदीप गुलेरिया ने ये आशंका जताई है कि भारत में कोरोना का नया स्ट्रेन अधिक संक्रामक हो सकता है। 

खतरनाक साबित हो सकता है नया स्ट्रेन
कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि ‘यह कोरोना वायरस का म्यूटेटेड स्ट्रेन है, इसलिए यह अधिक संक्रामक और जानलेवा है। यह और अधिक तीव्रता से फैलने वाला नजर आ रहा है। आपने देखा होगा कि लंदन में मृत्यु दर काफी बढ़ गई थी। पिछले मार्च से लेकर अब तक वहां पर सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले देखने को मिले। ये सब नए स्ट्रेन की वजह से ही हुआ।’

पुराने स्ट्रेन से अलग है नया स्ट्रेन 
डॉ. अमरिंदर कहते हैं, ‘इस नए म्यूटेटेड स्ट्रेन के लक्षण लगभग पुराने लक्षण (बुखार, सूखी खांसी, गले में खराश, स्वाद और गंध न पता चलना, आदि) जैसे ही हैं, लेकिन इसमें बुखार ज्यादा तेज आता है और खांसी भी बढ़ कर आती है यानी मरीज ज्यादा खांसता रहता है। इसके अलावा स्वाद और गंध न पता चलने की समस्या भी अधिक तीव्रता के साथ नजर आई है।

कितना काम करेगी  मौजूदा वैक्सीन 
डॉ. अमरिंदर कहते हैं, ‘जिनको पहले कोरोना हो चुका था, वह भी इस नए म्यूटेटेड स्ट्रेन के कारण दोबारा से संक्रमित हो रहे हैं। पहले बनी एंटीबॉडी इसपर काम नहीं करेंगी। चूंकि यह वायरस का म्यूटेटेड स्ट्रेन है, इसलिए इसपर मौजूदा वैक्सीन भी ज्यादा कारगर सिद्ध नहीं हो रही है। हालांकि अच्छी बात ये है कि जो हमने वैक्सीन तैयार की है, उसे इस म्यूटेटेड स्ट्रेन के खिलाफ भी अलग से बनाया जा सकता है।’


ये हैं बचने के उपाय

भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। अगर बहुत ज्यादा जरूरत न हो तो घर से बाहर न जाएं और अगर जाएं तो मास्क जरूर पहन कर जाएं, क्योंकि यह 95 फीसदी तक कोरोना से बचाव कर सकता है। इसके अलावा हाथ धोने और सुरक्षित शारीरिक दूरी जैसे नियमों का भी पालन करें।’ 


इस तरह का होना चाहिए खान पान खान-पान 

डॉ. अमरिंदर कहते हैं, ‘तैलीय चीजें जितनी कम खाएं, उतना ज्यादा बेहतर है। हर आधे घंटे के बाद थोड़ा-थोड़ा गर्म पानी पीते रहें। मक्खन, मलाई, घी, बटन चिकन, बटन दाल, आदि कम खाएं। सब्जियों में तड़का कम लगाएं, उबली हुई सब्जियां ज्यादा खाएं, हरी सब्जियां ज्यादा खाएं, फलों को अच्छे से धोकर खाएं। ये आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा।’

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