उत्तर भारत में वायु प्रदूषण 20 साल के न्यूनतम स्तर पर : नासा
हाल में आई कई खबरों से इसकी पुष्टि हुई थी कि लॉकडाउन के दौरान हवा साफ हुई है. भारत के 10 से ज्यादा शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार रहे हैं और इनमें ज्यादातर में पिछले एक महीने में प्रदूषण का स्तर असाधारण रूप से कम हुआ है. आलम यह है कि जालंधर के लोगों को बर्फ से ढकी धौलाधार की पहाड़ियां दिखने लगी हैं जो वहां से करीब 200 किलोमीटर दूर हैं.
भारत में तीन मई तक जारी लॉकडाउन के बीच अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कहा है कि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण वर्ष की इस अवधि के दौरान 20 सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. उसके सेटेलाइटों से मिली जानकारी बता रही है कि एयरोसोल यानी आसमान में मौजूद धूल के सूक्ष्म कण बहुत कम हो गए हैं. नासा के वैज्ञानिक पवन गुप्ता का कहना था, ‘हमें पता था कि लॉकडाउन के बीच हम कई जगहों पर वायुमंडल में बदलाव देखेंगे. लेकिन मैंने साल की इस अवधि के दौरान गंगा के मैदान में एयरोसोल में इतनी कमी पहले कभी नहीं देखी थी’. एयरोसोल न सिर्फ दृश्यता यानी विजिबिलिटी घटाते हैं बल्कि इनसे फेफड़ों से संबंधित बीमारियां भी होती हैं.
वैसे यह भी दिलचस्प है कि एक तरफ उत्तर भारत में प्रदूषण कम हुआ है तो दक्षिण भारत में ऐसा नहीं हुआ है. बल्कि नासा के आंकड़े बताते हैं कि यहां बीते चार साल की तुलना में एयरोसोल का स्तर ऊपर गया है. अभी यह साफ नहीं है कि ऐसा क्यों हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि इसके पीछे मौसम में आए हालिया बदलाव, खेतों में लगाई गई आग, हवा या फिर दूसरे कारक जिम्मेदार हो सकते हैं