
युवा महापंचायतों ने किसानों के हित में भरी हुंकार
खटकर टोल प्लाजा पर किसान आंदोलन में युवाओं, छात्रों, किसानों और मजदूरों की महापंचायत का गठन किया गया। साथ में चेयरमैन ट्रस्ट यूके बलजिंदर सिंह चढियाला भी थे। मुख्य कार्यक्रम में छात्र नेता कृष्णा श्योकन्द, रवि आज़ाद, अभिमन्यु कुहाड़, विकास सिंसार और अन्य ने भाग लिया। महापंचायत में प्रदेश के कई युवा, छात्र, किसान व मजदूर पहुंचे। दोपहिया वाहन, वाहन, युवाओं का काफिला, तिरंगा और बीकेयू के झंडे लिए छात्र जत्थे में दाखिल हुए। महापंचायत में आयोजकों की अपेक्षा से अधिक भीड़ थी।
महापंचायत को सफल बनाने के लिए केयूके छात्र संघ के संयोजक कृष्ण श्योकन्द ने अपनी टीम के साथ जिला एवं प्रखंड स्तर का दौरा किया। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा से युवा महापंचायत के माध्यम से 26 जनवरी से पहले किसानों और मजदूरों के आंदोलन को लेकर कोई भी बड़ा फैसला लेने की अपील की। युनाइटेड फार्मर्स फ्रंट द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार युवा संयम और अनुशासन के साथ काम करेंगे। महापंचायत के माध्यम से मांग की गई थी कि संयुक्त किसान मोर्चा हर गांव में आंदोलन के झंडे के साथ एक समिति गठित करे और हर वर्ग के युवाओं के साथ मिलकर अपने हक की लड़ाई लड़े। कृष्ण श्योकन्द ने कहा कि किसान-मजदूर आंदोलन से युवा और छात्र जुड़ेंगे। गांव में आंदोलन होगा।
हर वर्ग के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। आज 11 महीने से ज्यादा समय से किसान और मजदूर आंदोलन चल रहा है, लेकिन केंद्र सरकार अंधी है। किसान संयम और अनुशासन के साथ अपना आंदोलन चला रहे हैं। तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी लागू होने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के हर प्रयास को अब तक गति मिली है। कभी इस आंदोलन को पंजाब का आंदोलन कहा गया तो कभी इसे बड़े किसानों का आंदोलन कहा गया। जाति के नाम पर आंदोलन को बाधित करने का भी प्रयास किया गया। आंदोलन टूटने के बजाय मजबूत हुआ है। आंदोलन जितना लंबा चलता है, आंदोलन उतना ही मजबूत होता जाता है। इस अवसर पर सतबीर पहलवान, मनोज बड़ौदा, रवि पुनिया, जयपाल भागल, अनीश खटकर, अमरजीत मोही, विक्रम कसाना, मोहित नैन, जयपाल भागल, नरेश बेलराखा, बंटू धमतन आदि उपस्थित थे।