
योगी सरकार बाल सेवा योजना से सूबे के इन बच्चों को जोड़ेगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना काल में अपने माता अथवा पिता या फिर दोनों को खोने वाले बच्चों को उनका बचपन खिलाने के लिए बाल सेवा योजना का उपहार दिया।
इस योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों के भरण,पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा गया है। अब तक 4050 बच्चों को महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से इस योजना से जोड़ जा चुका है। 4700 अन्य बच्चों को चयनित कर इस योजना का लाभ देने की तैयारी चल रही है।
प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन बिताने वालों के बच्चों के सम्मान, स्वावलंबन तथा सुरक्षा देने की शुरूआत की गई। यूपी के हजारों बच्चों को स्पांसरशिप योजना से सीधा लाभ प्राप्त हो रहा है।
इस योजना के अंतर्गत गरीब तबकों के एकल, दिव्यांग अभिभावकों तथा अनाथ बेसहारा बच्चों को हर महीने दो हजार रुपए दिए जाएंगे। ब्लाक स्तर से आने वाले आवेदनों को जिला प्रोबेशन अधिकारी डीपीओ, डीसीपीयू तथा बाल कल्याण समिति ग्राम पंचायत स्वीकृत कर छह महीने के अंदर बच्चों को राशि पहुंचा जायेगी।
प्रदेश में बच्चों को भिखारी बनाने से रोकने और बाल भिक्षुओं को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए अभियान की शुरुआत कर दूसरे राज्यों को एक नजीर प्रस्तुत की।
बाल भिक्षुओं की संख्या में कोरोना काल में बढ़ोत्तरी हुई है। बाल भिक्षुओं की शिक्षा के लिए उन्हें प्रेरित कर सरकार उनके माता-पिता को भी रोजगार देने का कार्य करेगी।
बच्चों का भविष्य इस अभियान से सुधर रहा है। सीधे तौर पर उनको सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। इस अभियान के अंतर्गत किशोर-किशोरियों से जबरन भीख मंगवाने वाले लोगों पर कार्रवाई कर समाज में बदलाव देखने मिलेगा।
प्रदेश के बच्चों को सीधे तौर पर सरकार की बाल श्रमिक विद्या योजना से लाभ मिल रहा है। बाल श्रमिक विद्या योजना से और शिक्षा की मुख्यधारा से जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को जोड़ने के लिए जोड़ा जा रहा है।