योगी सरकार मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत के पूर्व गन्ना किसानों को दे सकती है बड़ा तोहफा
लखनऊ : यूपी में योगी सरकार किसानों को एक बड़ा तोहफा दे सकती है। पांच सितम्बर को प्रदेश सरकार मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत से पूर्व जगह-जगह किसान संगठनों की पंचायत को जवाब देने के लिए तैयार है। सरकार विधानसभा चुनाव से पूर्व गन्ना किसानों का रोष दूर करने लिए चितिंत है। योगी सरकार किसानों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर बड़े फैसले लेने पर विचार कर रही है।
दर्जनों प्रस्ताव पर कैबिनेट बैठक में मुहर लग सकती है। गन्ना मूल्य बढ़ाने समेत कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर कैबिनेट बैठक में अनुमति मिल सकती है। कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं को पूर्व सीएम स्वर्गीय कल्याण सिंह के नाम पर भी शुरू करने का निर्णय हो सकता है तो मंत्री परिषद की बैठक में कुछ योजनाओं का नाम बदलने को अनुमति मिल सकती है।
इन सब में सबसे विशेष पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ना दामों पर निर्णय होगा। अभी यूपी में गन्ना किसानों को गन्ने के दाम 310 रुपए, 315 रुपए तथा 325 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से मिल रहा है। गन्ना का यह रेट वैराइटी के अनुसार से रखा गया हैं।
हाल ही में केंद्र सरकार ने आने वाले पेराई सत्र के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 285 रुपये से वृद्धि कर 290 रुपये प्रति कुंतल करने का निर्णय लिया है। योगी सरकार जिसके बाद भी गन्ने का दाम बढाने का निर्णय ले सकती है। गन्ने का मूल्य किसान 400 रुपये करने की मांग कर रहे हैं और सरकार 350 के करीब दाम पर विचार कर रही है।
400 गन्ना मूल्य किये जाने की मांग मुख्य सचिव के साथ किसानों परामर्श कमेटी की बैठक में भी की गई है। किसानों को आश्वासन देते हुए सीएम योगी ने कहा कि इस बार उनकी सरकार राज्य परामर्शी मूल्य पर गन्ने का (एसएपी) वृद्धि पर विचार करेगी।
गन्ना किसानों को विधानसभा चुनाव से पहले खुश करने के लिए योगी सरकार गन्ने के दाम बढ़ाने के साथ ही नए पेराई सत्र का बकाया मूल्य भी गन्ना किसानों को देगी। मुख्यमंत्री ने 20 अक्टूबर से पश्चिमी चीनी मिलों को चालू करने का फैसला किया है जबकि 25 अक्टूबर से पूर्वी क्षेत्र की चीनी मिलों को नवंबर के पहले हफ्ते में चालू करने के निर्देश दे चुकी है। मुख्य सचिव तिवारी ने गन्ना विकास विभाग और किसानों के साथ ही बैठक में गन्ने की कीमत को 325 पर बताया है