
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के दूसरे शासन काल के मंत्रिमंडल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अधिक प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है। क्योंकि विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत मिलने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 2017 का इतिहास नहीं दोहरा पाए उसे कुछ सीटों का नुकसान हुआ है। वहीं आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस बार योगी मंत्रिमंडल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अधिक तवज्जो दी जा सकती है।
बता दें कि 2017 विधानसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 100 सीटों में 106 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार उसे 15 सीटों का नुकसान हुआ है यहां केवल 50cc दर्ज कर पाई हालांकि इतनी सीटें भाजपा ने तक जीती है जब भारतीय किसान यूनियन लगातार योगी सरकार के विरोध में और आरएलडी ने सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था।
वहीं कुछ रणनीतिकारों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी पिछली सरकार में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से 13 मंत्री थी लेकिन इस बार यह संख्या करीब डेढ़ दर्जन के आसपास हो सकती है। इस वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों को भी योगी मंत्रिमंडल में मजबूत दावेदारी मानी जा रही है इसमें भूपेंद्र चौधरी, लक्ष्मी नारायण चौधरी मथुरा की मार्कशीट से पहली बार जीते राजेश चौधरी और सुरेश राणा को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है जिन्हें योगी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।