
लखनऊः केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आज अमेठी दौरे पर थीं। स्मृति ईरानी ने अपने संसदीय क्षेत्र में कहा आज गर्व का क्षण है कि जिस जिले को 40 साल तक एक परिवार ने छलने का कार्य किया और उसने सिर्फ जनता के हक को मारा,आज उसी जनपद के लिए ये मेडिकल कॉलेज उस परिवार को जवाब दे रहा है।
अमेठी के इतिहास में पहली बार 3 लाख किसानों के खाते 6 हजार सालाना रहे हैं। “हाथ ने साइकिल का सहारा लिया, हाथी पर सवार हुए,और अमेठी की जनता को तिरस्कार कर दिया।
विपक्ष ने महिलाओं के लिए क्या किया-स्मृति ईरानी
एक परिवार यहां आते हैं कहते हैं लड़की हूँ, उंन्होने क्या किया यहां की महिलाओं-बहनों के लिए। सपा बसपा की सरकारों में गरीब गुंडों माफियाओ के पैरों के नीचे कुचले जाते थे अमेठी में पहली बार खाद का रैक उतरा तो भाजपा सरकार में, जिस क्षेत्र के परिवार ने कोर्ट में जाकर भगवान राम के अस्तित्व को मनगढ़ंत बताने के लिए एफिडेविट दिया,आज वही अमेठी क्षेत्र भगवान राम की नगरी से 4 लेन से जुड़ गया है। घर घर गूंजे एक ही नाम जय श्री राम।
योगी सिद्ध होइ तब,जब गोरक्ष होए–स्मृति ईरानी
इसी अमेठी में कालजयी रचना करने वाले कवि मलिक मोहम्मद जायसी ने कहा था “योगी सिद्ध होइ तब,जब गोरक्ष होए”। भारतीय परंपरा किंतनी समृद्ध है वह मत मजहब नहीं देखती,अगर ये बात पहले समझ आती तो विभाजनकारी लोगो को हिंदू मुस्लिम की बातें न करते। उनके पूर्वज कहते थे हम एक्सीडेंटली हिन्दू हैं। उनकी मजबूरी है कि वो खुद को हिन्दू कहें।
यहां के पूर्व सांसद केरल में अमेठी को कोसते है-स्मृति ईरानी
इसीलिए जब वो एक्सिडेंटली थे तो जब भी अवसर मिला तो काम भी एक्सिडेंटली ही करते थे। आपके पूर्व सांसद जब केरल जाते हैं तो अमेठी की जनता को कोसते हैं। अपनी नाकामयाबी और काले कारनामो को न देखकर जनता को कोसना उनका दुर्भाग्य ही बताता था।
गर्व से कहो हम हिंदू हैं-स्मृति ईरानी
हम जब मुख्यमंत्री हैं तब भी और जब नहीं थे तब भी हमेशा यही कहते थे गर्व से कहो हम हिंदू हैं। इनकी सत्ता की लालसा और तुष्टिकरण की राजनीति ही कभी रामसेतु को तोड़ने के लालायित रहते थे,कभी सांप्रदायिकता के नाम पर दंगे फैला देते थे,गुजरात मे चुनाव के दौरान यहां के पूर्व सांसद वहां मंदिर गए तो वहां नमाज के अंदाज़ में बैठे, तो पुजारी ने उन्हें टोका,ये मंदिर है मस्ज़िद नहीं।
हिन्दू हमारी संस्कृति-स्मृति ईरानी
हिन्दू हमारी संस्कृति, हमारा गौरव है,हमको गर्व होना चाहिए इसपर कोरोना काल मे हम जब आम जनमानस के लिए जीवन बचाने के कार्य कर रहे थे, तो ये भाई बहन रोडवेज के फ़र्ज़ी नम्बर दे दिए, स्कूटर के फ़र्ज़ी नम्बर बस के नाम से दे दिए।
यह जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। हमने इनपर कार्रवाई की क्योंकि इन्होंने सरकार के कार्य मे व्यवधान पैदा करने का कार्य कर रहे थे। पूरे कोरोनकाल में इनका न तो कोई नेता,न कोई जनप्रति निधि कोई नही दिखाई दिया। आज 2 महीने जब चुनाव की आहट हुई तो ये सियासी पर्यटन करने या गए, कहीं यात्रा निकाल रहे हैं,कहीं कुछ कर रहे हैं।