Yes Bank: 18 मार्च से यस बैंक किसी को नहीं कहेगा नो
Yes Bank: यस बैंक के ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर है। यस बैंक ने ट्वीट कर जानकारी दी कि 18 मार्च शाम 6 बजे के बाद ग्राहक अपने खाते से सामान्य लेन-देन कर सकेंगे। बैंक के खाताधारक सभी 1,132 शाखाओं से लेनदेन कर सकेंगे।
पिछले सप्ताह आर्थिक संकट से जूझ रहे यस बैंक को उबारने के लिए सरकार ने यस बैंक के पुनर्गठन की योजना अधिसूचित की थी। सरकार ने वर्तमान प्रशासक प्रशांत कुमार को प्रबंध निदेशक, सीईओ नियुक्त कर दिया है। सरकारी अधिसूचना के अनुसार, यस बैंक पर लगी रोक 18 मार्च की शाम छह बजे से हटा ली जाएगी। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यस बैंक के पुनर्गठन से जुड़ी योजना के बारे में जानकारी दी।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने सोमवार को कहा है कि संकटग्रस्त यस बैंक में किया गया निवेश वित्तीय प्रणाली में स्थिरता लाने के लिए है। उन्होंने कहा कि यह निवेश से आय के सिद्धांत पर आधारित नहीं है। कुमार ने एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराए जाने के समारोह में यहां संवाददाताओं से कहा, ‘एसबीआई तथा अन्य बैंकों के निर्णय एक साथ आ रहे हैं, और ये निवेश अथवा पूंजी से आय के सिद्धांत पर आधारित नहीं हैं। इन सब का उद्देश्य वित्तीय प्रणाली में स्थिरता लाना है।’
पांच मार्च 2020 को लगी थी रोक
पांच मार्च 2020 को शाम छह बजे से आरबीआई द्वारा यस बैंक डिपॉजिटर्स के विड्रॉल लिमिट 50,000 रुपये तय कर दी गई थी। इसके बाद से ही यस बैंक का कोई भी ग्राहक किसी भी माध्यम से न तो पैसे ट्रांसफर कर पा रहा था और न ही एटीएम से कैश निकाल पा रहा था।
निर्मला सीतारमण ने बताई योजना
निर्मला सीतारमण ने बताया कि एसबीआई ने यस बैंक 49 फीसदी तक निवेश किया है। इसके साथ ही अन्य निवेशकों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। एसबीआई के करीब 26 फीसदी निवेश की लॉक-इन अवधि तीन साल होगी। जबकि दूसरे निवेशकों के 75 फीसदी निवेश राशि की लॉक-इन अवधि तीन वर्ष होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि पूंजीगत आवश्यकताओं को तत्काल और बाद में बढ़ाने के लिए अधिकृत पूंजी को 1100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6200 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
इन बैंकों ने किया है यस बैंक में निवेश
बता दें कि एसबीआई ने यस बैंक में 6,050 करोड़ रुपये का निवेश किया है। आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी लिमिटेड, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, बंधन बैंक, फेडरल बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट ने भी एसबीआई का साथ देते हुए यस बैंक में निवेश किया है।
तीसरी तिमाही में 18,654 करोड़ रुपये का घाटा
डूबे कर्ज के दबाव की वजह से यस बैंक को चालू वित्त वर्ष की दिसंबर में समाप्त तीसरी तिमाही में 18,654 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यह निजी क्षेत्र के किसी बैंक का अब तक का सबसे ऊंचा घाटा है। बैंक से पिछले छह माह के दौरान 72,000 करोड़ रुपये की निकासी हुई और यह आंकड़ा 1.37 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।